दौलत छोड़ी, दुनिया का सारा खजाना छोड़ दिया,भारत माता के लिए राजपूतों ने राजघराना छोड़ दिया!

दौलत छोड़ी, दुनिया का सारा खजाना छोड़ दिया,भारत माता के लिए राजपूतों ने राजघराना छोड़ दिया!

ना तो हर गण के लिए एक जैसा तंत्र है ना ही सबके लिए एक जैसा विधान फिर कैसा गणतंत्र दिवस और कैसा संविधान- #काला_दिवस

भारत के ऐकीकरण मे राजपूताना रजवाडौ(क्षत्रिय राजपूत) ने 550 से अधिक रियासते दान मे देदी थी,भारत के भविष्य के लिए |
परंतु हमारे पुरखो के त्याग को प्रोत्साहित नही किया गया,बल्कि षण्यंत्रो व झूठी अफवाहो से अपमानित किया गया| राजावत ऋत्रिय कुल मे जन्म लेने के कारण मै ये अपना कर्तव्य समझतi हू कि मेरे राजपूताना की धूमिल छवि को,व अपने पुरखो के त्याग को मै एक बार पुनः गौरान्वित करु| / मेरा एक सपना है कि एक दिन 26 जनवरी की झाकी मे मेरा अमर राजपूताना लहराऐ,

आज आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि राजपूताना राइफल, डोगंरा रेजिमेंट और राजपूत रेजिमेंट को परेड से दूर रखा गया।
कांग्रेस तो क्षत्रियो को तहस नहस करने में माहिर हीं थी, जो बाकि साकि था वो मोदी पुरा कर रहे हैं, इतना नफरत सवर्णो से??
आरक्षण और हरिजन एक्ट का मार कम था क्या?? कोई बात नहीं सवर्णो चुप चाप पार्टियों कि जुतिया चाटते रहो, और आपस में पार्टियों के लिए लड़ते रहो आज का #काला_दिन मुबारक हो गुलामो आज ही आरक्षण लागू हुआ था’

आज ही के दिन राजपूतो को धोखा देकर 543 रियाशत ली थी देश की अखंडता और एकता के लिए 565 रियासते राजपूत राजाओं ने खुले दिल से दिया था न कि किसी जोर से न ही किसी बाप के अंदर इतना दम था कि वो जबरजस्ती कर सके
वल्लभ भाई पटेल और काँग्रेस सरकार ने” हजारों बीघे जमीन’ रियासतें’ व नगदी धन दान किये रजवाड़ो ने’ खैर वह हमारे अपनो की भी सबसे बड़ी #मूर्खता थी’ दोष किसको दे’ लेकिन हमारे साथ धोखा हुआ है धोखा” पर हमारे समाज के ही कुछ नेता आज के दिन बधाइयां देते है

अब इसमें भी लोग जातिवाद समझेगे
यह जातिवाद तो दिख गया आपको हमारे साथ धोखा हुआ है वह कौन समझेगा’

आजादी मुबारक हो गुलामो को
क्षत्रिय कभी गुलाम नही थे’

स्वभिमान अमर रहे’ कट्टर राजपूत”
” वादा है हमारा’ अपनी ऊचाइयों पर घमण्ड मत करना हमने बड़े बड़े सिकंदरों को भगाया है !दौलत छोड़ी, दुनिया का सारा खजाना छोड़ दिया,भारत माता के लिए राजपूतों ने राजघराना छोड़ दिया।।

ना तो हर गण के लिए एक जैसा तंत्र है ना ही सबके लिए एक जैसा विधान फिर कैसा गणतंत्र दिवस और कैसा संविधान- काला_दिवस

भारत के ऐकीकरण मे राजपूताना रजवाडौ(क्षत्रिय राजपूत) ने 550 से अधिक रियासते दान मे देदी थी,भारत के भविष्य के लिए |
परंतु हमारे पुरखो के त्याग को प्रोत्साहित नही किया गया,बल्कि षण्यंत्रो व झूठी अफवाहो से अपमानित किया गया| राजावत ऋत्रिय कुल मे जन्म लेने के कारण मै ये अपना कर्तव्य समझतi हू कि मेरे राजपूताना की धूमिल छवि को,व अपने पुरखो के त्याग को मै एक बार पुनः गौरान्वित करु| / मेरा एक सपना है कि एक दिन 26 जनवरी की झाकी मे मेरा अमर राजपूताना लहराऐ,

आज आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि राजपूताना राइफल, डोगंरा रेजिमेंट और राजपूत रेजिमेंट को परेड से दूर रखा गया।
आज ही के दिन राजपूतो को धोखा देकर 543 रियाशत ली थी देश की अखंडता और एकता के लिए 565 रियासते राजपूत राजाओं ने खुले दिल से दिया था न कि किसी जोर से न ही किसी बाप के अंदर इतना दम था कि वो जबरजस्ती कर सके
वल्लभ भाई पटेल और काँग्रेस सरकार ने” हजारों बीघे जमीन’ रियासतें’ व नगदी धन दान किये रजवाड़ो ने’ खैर वह हमारे अपनो की भी सबसे बड़ी #मूर्खता थी’ दोष किसको दे’ लेकिन हमारे साथ धोखा हुआ है धोखा” पर हमारे समाज के ही कुछ नेता आज के दिन बधाइयां देते है

अब इसमें भी लोग जातिवाद समझेगे
यह जातिवाद तो दिख गया आपको हमारे साथ धोखा हुआ है वह कौन समझेगा’

आजादी मुबारक हो गुलामो को
क्षत्रिय कभी गुलाम नही थे’

स्वभिमान अमर रहे’ कट्टर राजपूत
” वादा है हमारा’ अपनी ऊचाइयों पर घमण्ड मत करना हमने बड़े बड़े सिकंदरों को भगाया है

COPY PEST
आईडिया फॉर न्यूज़ दिल्ली से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट

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