कोरोना के ट्रिपल म्यूटेंट ने बढ़ाई चिंता, तीन राज्यों में मिले केस!

कोरोना के ट्रिपल म्यूटेंट ने बढ़ाई चिंता, तीन राज्यों में मिले केस!

Triple mutants of Corona increase concern, cases found in three states

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है. हर दिन Covid-19 संकट गहराता जा रहा है और देश का हेल्थ सिस्टम जर्जर होता जा रहा है. इसी बीच एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के कुछ हिस्सों में ‘ट्रिपल म्यूटेशन स्ट्रेन’ पाया गया है.
ये है दूसरी वेव तेज होने का कारण

म्यूटेशन तब होता है जब वायरस स्वरूप बदलता रहता है और जितना वो म्यूटेट होता है उतना ही फैलता है. भारत में डबल म्यूटेशन वाले वायरस के मामलों में ऐसा हो चुका है. कोरोना वायरस के डबल म्यूटेशन का पता पहली बार पिछले साल 5 अक्टूबर को वायरस के जीनोम सीक्वेंस से लगा था. जानकारों के मुताबिक इसी वजह से कोरोना की दूसरी लहर तेज हुई है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि दोनों म्यूटेशन- और वायरस के महत्वपूर्ण स्पाइक प्रोटीन में स्थित थे- जो इसे शरीर में रिसेप्टर कोशिकाओं से जोड़ता है. म्यूटेशन का तत्काल प्रभाव से अध्ययन किया जाना चाहिए. हालांकि, फंड की कमी और कोरोना के गिरते मामलों के कारण नवंबर और जनवरी के बीच हो रही जीनोम सीक्वेंसिंग बंद हो गई. अब B.1.167 में एक तीसरे म्यूटेशन की पहचान की गई है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस बार, इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

कॉपी पेस्ट के साथ आभार।

आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट.

New Delhi: Corona virus has created a furore. Every day the Covid-19 crisis is getting deeper and the health system of the country is getting dilapidated. Meanwhile, according to a report, ‘triple mutation strain’ has been found in some parts of India.
This is the reason for the second wave to be faster

Mutations occur when the virus pattern changes and spreads as much as it mutates. This has happened in cases of double mutation virus in India. The double mutation of the corona virus was first detected by the virus’s genome sequence on October 5 last year. According to experts, this is why the second wave of corona has intensified.

A report by the Indian Express states that since both mutations — and the significant spike of the virus — were located in the protein — that connects it to the receptor cells in the body. Mutations should be studied with immediate effect. However, genome sequencing stopped between November and January due to lack of funds and falling cases of corona. Now a third mutation has been identified in B.1.167. Experts believe that this time, it should be taken seriously.

Gratitude with copy paste.

Amit Singh Negi reports from Dehradun for Idea for News.

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