उत्तराखण्ड सरकार को फेल करने की सुचना विभाग की कार्यप्रणली पर सवाल डिजिटल मीडिया में उबाल!
उत्तराखण्ड सरकार को फेल करने की सुचना विभाग की कार्यप्रणली पर सवाल डिजिटल मीडिया में उबाल!
Question on the functioning of the Department of Information to fail Uttarakhand government boils down to digital media:-
उत्तराखंड डिजिटल मीडिया संगठनों ने नई विज्ञापन दर पर जताई नाराजगी। कहा-यह विज्ञापन दर तीरथ सिंह रावत सरकार को फेल करने की साजिश।
उत्तराखंड न्यूज़ पोर्टल्स के विभिन्न संगठनों द्वारा उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन द्वारा आयोजित वर्चुअल बैठक में भागीदारी निभाते हुए कहा है कि वर्तमान में जो विज्ञापन दर ई टेंडर प्रक्रिया के बाद सामने आई है वह एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा है व यह विज्ञापन दर सीधे सीधे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सरकार को फेल करने की साजिश का हिस्सा है। इस विज्ञापन प्रक्रिया को देखकर पत्रकार संगठन अपने को ठगा हुआ व अपमानित महसूस कर रहे हैं।
उत्तराखंड डिजिटल मीडिया संगठन के वरिष्ठ पत्रकार साथियों ने इस ई टेंडर प्रक्रिया की स्वीकार्यता पर कई प्रश्न चिह्न लगाए हैं व शंका जताई है कि यह प्रक्रिया बिना विभागीय मिलीभगत के हो ही नहीं सकती थी। सभी ने कहा कि जब सोशल मीडिया का प्लेट फॉर्म उत्तराखंड के पत्रकारों हेतु बिशेष रूप से तैयार किया गया था तब उसमें साफ-साफ शर्त लिखी गयी थी कि इसमें प्रदेश से बाहर के किसी भी न्यूज़ पोर्टल को स्थान नहीं दिया जाएगा, लेकिन पूर्व महानिदेशक सूचना पंकज पांडे के समय यह शर्त उससे बेहद सफाई से हटा दी गयी और इसमें अमेंडमेंट किया गया।
सोशल मीडिया से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा है कि बिना विभागीय मिली भगत के यह सम्भव हो ही नहीं सकता कि कोई ई टेंडर में ऐसे रेट दर्ज कर दे। उन्होंने कहा कि विभाग में ही कुछ भ्रष्ट व करप्ट अधिकारी हैं जो किसी भी हद तक जाकर यह चाहते हैं कि पत्रकार त्रस्त होकर मुख्यमंत्री तीरथ के पक्ष की जगह उनके विपक्ष में खबरें लगाए।
इस दौरान सभी ने अपने अपने पक्ष रखते हुए कहा है कि इस मामले को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, सचिव सूचना व महानिदेशक सूचना के समक्ष विभिन्न पक्षों को दृष्टिगत रखते हुए रखा जाय ताकि अग्रिम भविष्य में सूचना विभाग इस सब पर ठोस नीति बनाये व स्क्रीनिंग के समय ही यह अच्छी तरह जांच ले कि सरकार जिन्हें सरकारी विज्ञापनों में नामित कर उन्हें सूचीबद्ध कर रही है क्या उन्होंने प्रदेश सरकार के विकास कार्यों को अपने न्यूज़ पोर्टल्स में प्रमुखता से स्थान दिया है।
चर्चा में ज्यादात्तर पत्रकारों का मानना था कि इस बार सूचीबद्ध न्यूज़ पोर्टल्स में कतिपय ऐसे भी हैं जिनके न्यूज़ पोर्टल्स में सरकार क्या पूरे प्रदेश भर की राजनैतिक, सामाजिक, सामाजिक, आर्थिक व अन्य विभिन्न गतिविधियों सम्बन्धी एक भी खबर नहीं है।
उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज इष्टवाल ने कहा कि यह वर्चुअल बैठक इसलिए आहूत की गई थी, क्योंकि इस बार 345 न्यूज़ पोर्टल्स सूचीबद्ध की श्रेणी में शामिल किए गए हैं व जिनमें से ज्यादात्तर न्यूज़ पोर्टल्स द्वारा वर्तमान में जारी विज्ञापन दर पर नाराजगी जाहिर करते हुए विरोध दर्ज करते हुए इसे इसे सरकार विरोधी करार दिया है व आशंका व्यक्त की है कि जिन्होंने भी ऐसे रेट डाले हैं यह पार्टी के अंदरूनी कलह या फिर उत्तराखंड में इस चुनाव में ताल ठोक रहे किसी बड़े राजनैतिक दल के इशारे पर किसी बड़ी साजिश के तहत किया गया कार्य बताया है।
इस वर्चुअल बैठक में देहरादून से अमित सिंह नेगी गढ़वाल कुमाऊं से वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र उनियाल, अविकल थपलियाल, घनश्याम जोशी, हर्षबर्द्धन पांडे, विनोद भगत, पंकज पंवार, आलोक शर्मा, नवीन जोशी, चन्द्रशेखर जोशी, शैलेश नौटियाल इत्यादि ने शिरकत किया है
आईडिया फॉर न्यूज़ के देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट।
Uttarakhand digital media organizations expressed displeasure over the new advertising rate. Said- This advertisement rate is a conspiracy to fail the Tirath Singh Rawat government. Participating in the virtual meeting organized by Uttarakhand Web Media Association by various organizations of Uttarakhand News Portals, it has been said that the advertisement rate which has come out after the e-tender process at present is part of a very big conspiracy and this advertisement rate directly to the Chief Minister. Tirath Singh is part of a conspiracy to fail Rawat’s government. Seeing this advertising process, the journalist organizations are feeling cheated and humiliated. Senior journalist colleagues of Uttarakhand Digital Media Organization have raised many question marks on the acceptability of this e-tender process and have expressed doubts that this process could not have been done without departmental connivance. Everyone said that when the social media platform was specially prepared for the journalists of Uttarakhand, then a clear condition was written in it that no news portal from outside the state would be given place in it, but the former Director General of Information At the time of Pankaj Pandey, this condition was very cleanly removed from him and amendment was made in it. Senior journalists associated with social media have said that without departmental connivance it is not possible that anyone can register such rates in the e-tender. He said that there are some corrupt and corrupt officials in the department who want to go to any extent that journalists get fed up and publish news in their opposition instead of in favor of Chief Minister Tirath. During this, everyone, while keeping their side, has said that this matter should be placed in front of Chief Minister Tirath Singh Rawat, Secretary Information and Director General Information keeping in view the various aspects so that in future, the Information Department should make a concrete policy on all this and for screening. It is time to check that those whom the government is listing in government advertisements, whether they have given prominent place to the development works of the state government in their news portals. In the discussion, most of the journalists believed that this time there are some such news portals listed in the news portals whose news portals do not have a single news related to political, social, social, economic and various other activities across the state. Manoj Ishtwal, president of Uttarakhand Web Media Association, said that this virtual meeting was called because this time 345 news portals have been included in the category of listed and most of them are expressing displeasure over the advertisement rate released by the news portals at present. While registering the protest, it has been termed as anti-government and expressed the apprehension that whoever has put such rates, it is due to internal discord within the party or some big conspiracy at the behest of any big political party in Uttarakhand in this election. The work done is mentioned below. Amit Singh Negi from Dehradun, senior journalists from Garhwal Kumaon, Nagendra Uniyal, Avikal Thapliyal, Ghanshyam Joshi, Harshbardhan Pandey, Vinod Bhagat, Pankaj Panwar, Alok Sharma, Naveen Joshi, Chandrashekhar Joshi, Shailesh Nautiyal etc. have participated in this virtual meeting.
Amit Singh Negi reports from Idea for News, Dehradun.