सिक्किमी नेपाली समुदाय मामले में याचिका दायर करेगा सिक्किम, जज ने मजीठिया केस से खुद को किया अलग |

सिक्किमी नेपाली समुदाय मामले में याचिका दायर करेगा सिक्किम, जज ने मजीठिया केस से खुद को किया अलग |

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि वह एक बार फिर से भरोसा दिलाते हैं कि आयकर छूट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सिक्किमी नेपाली समुदाय को अनजाने में विदेशी के रूप में उल्लेख करने से किसी के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत ने शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को जमानत देने के मामले में सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।

सिक्किम सरकार सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश में सिक्किमी नेपाली समुदाय को विदेशी के रूप में उल्लेख करने के संबंध में समीक्षा याचिका दायर करेगी और इसमें सुधार की मांग करेगी। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि वह एक बार फिर से भरोसा दिलाते हैं कि आयकर छूट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सिक्किमी नेपाली समुदाय को अनजाने में विदेशी के रूप में उल्लेख करने से किसी के साथ कोई अन्याय नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सिक्किमी नेपाली समुदाय की चिंताओं को दूर करने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए पहले ही फैसला कल लिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वह केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से बात कर चुके हैं। जिन्होंने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार सिक्किम सरकार की पुनर्विचार याचिका का समर्थन करेगी, और अगर जरूरी होगा तो खुद भी पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। सीएम तमांग ने सभी लोगों से धैर्य रखने और न्यायपालिका पर विश्वास बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह केवल समय की बात है कि इस मुद्दे को सभी की भलाई के लिए संबोधित किया जाएगा।

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी, 2023 के अपने आदेश में केंद्र सरकार को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 10 (26AAA) में ‘सिक्किम’ की परिभाषा में संशोधन करने का निर्देश दिया था, जिसमें 26 अप्रैल, 1975 की विलय की तारीख को या उससे पहले सिक्किम में अधिवासित सभी भारतीय नागरिकों को आयकर में छूट दी गई थी।

जज ने बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत मामले से खुद को किया अलग
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग मामले में जमानत देने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ सोमवार को पंजाब सरकार की अपील पर विचार कर रही थी। इस दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वह हाईकोर्ट की उस बेंच का हिस्सा थे, जिसने मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करने का निर्देश दिया था। इसके बाद पीठ ने कहा कि इस मामले को एक ऐसी बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत शामिल न हों।

पंजाब सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान अदालत में पेश हुए। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के 10 अगस्त, 2022 के आदेश को चुनौती दी है। जिसमें हाईकोर्ट ने ड्रग्स मामले में पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।
आईडिया फॉर न्यूज़ के लिए ब्यूरो रिपोर्ट |

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