राफेल डील की जांच के लिए फ्रांस हुआ तैयार तो कांग्रेस ने भी कर दी जेपीसी जांच की मांग!

 

राफेल डील की जांच के लिए फ्रांस हुआ तैयार तो कांग्रेस ने भी कर दी जेपीसी जांच की मांग!
If France was ready to investigate the Rafale deal, Congress also demanded a JPC probe :_

 

फ्रांस सरकार ने इस जांच के लिए एक फ्रांसीसी जज को भी नियुक्त कर लिया गया है. फ्रांसीसी मीडिया जर्नल मेडियापार्ट की रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर राफेल की खरीद में भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाया है.

नई दिल्‍ली. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरे राफेल सौदे को लेकर एक बार फिर चर्चा जोरों पर है. फ्रांस (France) सरकार, भारत (India) के साथ करीब 59 हजार करोड़ रुपये के राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार की न्यायिक जांच को तैयार हो गई है. इस जांच के लिए एक फ्रांसीसी जज को भी नियुक्त कर लिया गया है. फ्रांसीसी मीडिया जर्नल मेडियापार्ट की रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर राफेल की खरीद में भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाया है.

कांग्रेस पार्टी के मुख्‍य प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने फ्रांस में राफेल की जांच की शुरुआत के बाद भारत में भी राफेल सौदे में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग दोहराई है. सुरजेवाला ने कहा, फ्रांस में राफेल सौदे के लिए जज की नियुक्ति हुई है. फ्रांस में मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रथम दृष्टया राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है. फ्रांस में भ्रष्टाचार पर जांच शुरू हुई है् पूर्व राष्ट्रपति फ़्रांस्वा हॉलैंड, मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो की भूमिका की भी जांच होगी. कांग्रेस राफेल पर जेपीसी जांच की मांग करती है.

फ्रांसीसी मीडिया जर्नल मेडियापार्ट की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016 में दोनों देशों के बीच हुई हुए राफेल सौदे की जांच औपचारिक तौर पर 14 जून से शुरू हो गई थी. बता दें कि फ्रांसीसी वेबसाइट ने अप्रैल 2021 में राफेल सौदे के कथित अनियमितताओं को लेकर कई रिपोर्ट प्रकाशित की थी.

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बता दें कि राफेल सौदे के दौरान फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने डील पर हस्ताक्षर किए थे और वर्तमान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन उस समय वित्त मंत्री थे. इन दोनों ही नेताओं से सौदे से जुड़े सवाल किए जाएंगे. तत्कालीन रक्षा मंत्री और अब फ्रांस के विदेशी मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियान से भी जुड़ी चीजों को लेकर पूछताछ हो सकती है.

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सुप्रीम कोर्ट राफेल जांच की पुनर्विचार याचिकाओं को कर चुका है खारिज
नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में मोदी सरकार को बड़ी राहत दी थी. उस वक्त मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने राफेल मामले में दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने 14 राफेल लड़ाकू विमान के सौदे को वैध मानते हुए 14 दिसंबर, 2018 के अपने फैसले को बरकरार रखा था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में याचियों की ओर से पेश की गईं सौदे की प्रक्रिया में गड़बड़ी की दलीलों को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘हमें नहीं लगता कि मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की कोई जरूरत है.

आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से हमंत पंवार देहरादून से अमित सिंह नेगी के साथ ब्यूरो रिपोर्ट।

If France was ready to investigate the Rafale deal, Congress also demanded a JPC probe:-

A French judge has also been appointed by the French government for this investigation. After the report of the French media journal Mediapart surfaced, Congress has once again accused of corruption in the purchase of Rafale. New Delhi. The discussion about the Rafale deal, which emerged as the biggest issue of Congress in the Lok Sabha elections, is once again in full swing. The French government has agreed to a judicial inquiry into the alleged corruption in the Rs 59 thousand crore Rafale deal with India. A French judge has also been appointed for this investigation. After the report of the French media journal Mediapart surfaced, Congress has once again accused of corruption in the purchase of Rafale. Congress Party’s Chief Spokesperson Randeep Surjewala has reiterated the demand for a probe into the alleged corruption in the Rafale deal in India after the launch of the Rafale probe in France. Surjewala said, a judge has been appointed for the Rafale deal in France. According to media reports in France, prima facie there has been corruption in the Rafale deal. Investigation has started on corruption in France, the role of former President François Hollande, current President Emmanuel Macro will also be investigated. Congress demands JPC probe on Rafale. According to the report of the French media journal Mediapart, the investigation into the Rafale deal signed between the two countries in the year 2016 formally started from June 14. Let us tell you that the French website had published several reports in April 2021 regarding alleged irregularities in the Rafale deal. Rafael of France set a new record, flew for 12 hours without stopping, covered a distance of 17 thousand km Let us tell you that during the Rafale deal, former French President Francois Hollande had signed the deal and the current French President Emmanuel Macron was the Finance Minister at that time. Both these leaders will be asked questions related to the deal. The then Defense Minister and now French Foreign Minister Jean-Yves Le Drian can also be questioned about things related to it. Also read :- Rafale will roar on the eastern border with China, 101 Squadron will soon be deployed in Hasimara Supreme Court has dismissed the review petitions of Rafale probe In November 2019, the Supreme Court gave a big relief to the Modi government in the Rafale deal case. At that time a bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi had dismissed all the review petitions filed in the Rafale case. The court had upheld its decision of December 14, 2018, considering the deal of 14 Rafale fighter aircraft as valid. The Supreme Court rejected the arguments of malpractices in the process of the deal presented by the petitioners in this case. The Supreme Court had said, ‘We do not think that there is any need to direct the registration of FIR in the matter.

Bureau report for Idea for News, Hamant Panwar from Delhi with Amit Singh Negi from Dehradun.

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