पीएम मोदी ने कहा- आधुनिक टेक्नालाजी से देश के गांवों में विकास का नया मंत्र है स्वामित्व योजना

भोपाल,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश के 19 जिलों के 3000 गांवों में एक लाख 71 हजार हितग्राहियों को आनलाइन अधिकार अभिलेख का वितरण किया। प्रधानमंत्री ने सीहोर, हरदा और डिंडौरी जिले के हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी किया।

गरीब के पास खुद चलकर आ रही सरकार और कर रही सशक्त

पीएम ने कहा, वो जमाना देश पीछे छोड़ आया है जब गरीब को एक-एक पैसे, एक-एक चीज के लिए सरकार के पास चक्कर लगाने पड़ते थे। अब गरीब के पास सरकार खुद चलकर आ रही है और गरीब को सशक्त कर रही है।

आधुनिक टेक्नालाजी से देश के गांवों में विकास का नया मंत्र है स्वामित्व योजना

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना सिर्फ कानूनी दस्तावेज देने की योजनाभर नहीं है, बल्कि ये आधुनिक टेक्नालाजी से देश के गांवों में विकास और विश्वास का नया मंत्र भी है।

उन्होंने कहा, शुरुआती चरणों में स्वामित्व योजना को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक और राजस्थान के कुछ गांवों में लागू किया गया था। इन राज्यों में गांवों में रहने वाले करीब 22 लाख परिवारों के लिए प्रॉपर्टी कार्ड तैयार हो चुका है।

प्रदेश में 17 सितंबर से सात अक्टूबर तक चलाए जा रहे जनकल्याण और सुराज अभियान के तहत स्वामित्व योजना के इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हरदा जिले से शामिल होंगे। अन्य जिलों से हितग्राही और जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे। मालूम हो, स्वामित्व योजना को जिन नौ राज्यों में पायलट आधार पर लागू किया गया है, उनमें मध्य प्रदेश भी शामिल है।

डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई है। एक ई-ग्राम स्वराज पोर्टल शुरू किया गया है जहां पर ग्राम समाज से जुड़ी सभी समस्याओं की जानकारी उपलब्ध है। इस पोर्टल के जरिए किसानों को अपनी भूमि के बारे में सारी जानकारियां इकट्ठा करने में मदद मिलेगी। इस योजना के तहत आपको अपनी संपत्ति का सारा रिकार्ड आनलाइन प्राप्त करने में आसानी होगी और रजिस्ट्रेशन एवं सरकारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक क्लिक में अपनी संपत्ति का पेपर डाउनलोड कर सकेंगे।

मध्य प्रदेश के नौ जिलों में होगी शुरुआत

यह योजना देशभर में लागू की जाएगी। फिलहाल इसका पायलट प्रोजेक्ट देश के सभी राज्यों के कुछ जिलों में शुरू किया जाएगा। इसके लिए मध्य प्रदेश के नौ जिलों को चुना गया है।

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