पठानकोट: उफनते खड्ड में गिरे तीन भाई-बहन, पानी में फंसी लड़की को एनडीआरएफ नहीं निकाल पाई !

पठानकोट: उफनते खड्ड में गिरे तीन भाई-बहन, पानी में फंसी लड़की को एनडीआरएफ नहीं निकाल पाई !
Pathankot: Three brothers and sisters fell in a raging ravine, NDRF could not rescue the girl trapped in the water :-

उमा अपनी गांव करोली निवासी मौसी दीपिका पठानिया के यहां रहने आई थी। शुक्रवार सुबह वह अपने भाई-बहन के साथ एबी कॉलेज जा रही थी कि रास्ते में यह घटना घट गई।

पठानकोट के जीएनडीयू कॉलेज लमीनी के सामने शुक्रवार सुबह एक लड़की और उसके दो भाई बहन गहरे पानी में गिर गए। लड़की को बचाने में एनडीआरएफ के प्रयास कम पड़े तो एक बाबा ने अपनी जान जोखिम में डालकर उसे बाहर निकाल लिया। धारकलां की रहने वाली 22 वर्षीय उमा पठानिया और भार्गवी अपने मौसेरे भाई रितीष राजपूत के साथ कॉलेज जा रही थीं।

 

जब वे जीएनडीयू के सामने खड्ड पर बनी सड़क से गुजर रहे थे तो खड्ड में उफान आ गया और तीनों भाई-बहन स्कूटी समेत पानी में गिर गए। रितीश और भार्गवी तेज बहाव में बहकर आगे निकल गए और उथले स्थान से निकल आए। लेकिन, उमा पानी के बवंडर में फंस गई। आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचित किया। मौके पर थाना 1 प्रभारी के अलावा डीएसपी सिटी, तहसीलदार व दमकल विभाग की टीम पहुंची। 2 घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची। कई प्रयासों के बावजूद उमा पठानिया का पता नहीं चला।

 

इसी दौरान खड्ड के दूसरी तरफ लोगों ने बवंडर के पास एक हाथ देखा और शोर मचा दिया। गौर से देखने पर पता चला कि लड़की सड़क के नीचे बनी खोखली जगह पर बैठी थी। एनडीआरएफ की टीम ने दोबारा कोशिश की पर विफल रही।उसके बाद स्थानीय बाबा दमकल विभाग की सीढ़ी लगाकर पानी में उतर गया। चंद पलों में बाबा उमा पठानिया को बाहर खींच लाया। इसके बाद एनडीआरएफ टीम और स्थानीय लोगों ने भी पानी में छलांग लगा दी और लड़की को पानी से बाहर ले आए। लड़की को एनडीआरएफ ने प्राथमिक चिकित्सा और इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। उसकी हालत सामान्य है।

मौसेर भाई के साथ कॉलेज जा रही थी लड़की
एएसआई दलबीर ने बताया कि उमा अपनी गांव करोली निवासी मौसी दीपिका पठानिया के यहां रहने आई थी। शुक्रवार सुबह वह अपने भाई-बहन के साथ एबी कॉलेज जा रही थी कि रास्ते में यह घटना घट गई।

बाबा बोले, प्रशासन का इंतजार करते तो लड़की की जान चली जाती
लड़की को बचाने वाले बाबा यशपाल गिरी ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि लड़की जिंदा है और एनडीआरएफ की टीम उस तक नहीं पहुंच पा रही तो उन्होंने छलांग लगा दी और लड़की को खोखली जगह से बाहर निकाल लिया। यशपाल गिरी का कहना है कि इंतजार करते रहते तो लड़की की जान चली जाती।

 

आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए चंडीगढ़ सुमित काम्बोज देहरादून से अमित सिंह नेगी के साथ ब्यूरो रिपोर्ट।

 

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