पत्थरबाजों व फंडिंग करने वालों पर रासुका लगाने को मोर्चा ने पुलिस मुख्यालय में दी दस्तक!
पत्थरबाजों व फंडिंग करने वालों पर रासुका लगाने को मोर्चा ने पुलिस मुख्यालय में दी दस्तक!
देहरादून जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार से मुलाकात कर बेरोजगारों के आंदोलन को फंडिंग करने वाले व पत्थर बरसाने वाले पत्थरबाजों को चिन्हित कर इनके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई को लेकर ज्ञापन सौंपा | श्री अशोक कुमार ने संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए | नेगी ने कहा कि लगभग दो माह पहले एसएसपी/डीआईजी, देहरादून श्री दिलीप सिंह कुंवर ने दावा किया था कि बेरोजगार आंदोलन को कुछ कोचिंग सेंटर्स
व राजनीतिक दलों के कुछ नेताओं द्वारा किसी खास मकसद से फंडिंग की गई, लेकिन कई दिन बीतने के बाद भी पुलिस मामले का पर्दाफाश नहीं कर पाई, जोकि अपने आप में एक सवालिया निशान खड़ा करता है !उक्त फंडिंग मामले का पर्दाफाश होना देशहित में बहुत जरूरी है | अगर इसी प्रकार फंडिंग के माध्यम से आंदोलन हुए तो उत्तराखंड जैसे प्रदेश को जे एंड के जैसा प्रदेश बनने में देर नहीं लगेगी | अगर आंदोलन में कोई फंडिंग नहीं हुई है तो डीआईजी का बयान निश्चित तौर पर दुर्भाग्यपूर्ण है | नेगी ने कहा कि फंडिंग के माध्यम से आंदोलन करने को उकसाने वाले व पत्थरबाजों के आकाओं/ साजिशकर्ताओं पर भी रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई होनी चाहिए | पुलिस प्रशासन की नाकामी के चलते बेरोजगारों पर लाठीचार्ज की नौबत आई, जिसकी मोर्चा घोर निंदा करता है एवं पुलिस- प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग सरकार से करता है| मोर्चा पहले भी राज्य गठन से लेकर आज तक हुई तमाम भर्तियों की सीबीआई जांच की मांग कर चुका है | हैरान करने वाली बात यह है कि डीआईजी का कहना है कि असामाजिक तत्वों द्वारा पत्थरबाजी की गई, तो फिर बेरोजगारों पर क्यों मुकदमे दर्ज किए गए ! प्रतिनिधिमंडल में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह व सुशील भारद्वाज मौजूद थे |
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट।