लता मंगेशकर का कोविड-19 से जूझते हुए निधन -देश में शोक की लहर !
लता मंगेशकर का कोविड-19 से जूझते हुए निधन -देश में शोक की लहर !
नई दिल्ली. स्वरसाम्राज्ञी लता मंगेशकर का रविवार को कोविड-19 से जूझते हुए निधन हो गया है. वह 92 वर्ष की थीं. अपनी गायकी से देश-दुनिया में मशहूर लता मंगेशकर मूल रूप से गोवा के पोंडा तालुक के मंगेशी गांव की रहने वाली थीं. बताया जाता है कि 19वीं सदी में उनका परिवार गोवा से इंदौर शिफ्ट हो गया था. कोंकण मराठी परिवार से ताल्लुक रखने वाली लता मंगेशकर का गुजरात से विशेष लगाव था. दरअसल उनकी मां एक गुजराती थीं.
दीनानाथ मंगेशकर की दूसरी पत्नी थीं लता मंगेशकर की मां
लता मंगेशकर की मां शेवंती एक गुजराती महिला थीं. शेवंती लता के पिता दीनानाथ मंगेशकर की दूसरी पत्नी थीं. दीनानाथ मंगेशकर की पहली शादी भी शेवंती की बड़ी बहन नर्मदा से हुई थी जिनका निधन हो गया था. शेवंती से शादी के बाद उनका नाम सुधामति कर दिया गया था.
1995 में आई किताब में खुद लता दी बताई थी आधा गुजराती होने के बात
1995 में प्रकाशित हुई हर्ष भीमानी की किताब ‘ इन सर्च ऑफ लता मंगेशकर’ में खुद लता दी ने कहा था कि वो आधी गुजराती हैं. उनके नाना हरिदास रामदास लाड ताप्ती नदी के किनारे बसे थालनेर के रहने वाले थे. ताप्ती नदी का गुजरात के इतिहास में बड़ा महत्व रहा है.
गुजराती लोकगीत सिखाकर ‘गुरु’ बनीं नानी मां, थालनेर के बडे़ बिजनेसमैन थे नाना
लता दी ने गुजरात के कई गरबा गीत और लोकगीत अपनी नानी मां से सीखे थे. कह सकते हैं कि गुजराती लोकगीतों के मामले में उनकी नानी मां ही उनकी गुरु थीं. लता मंगेशकर का ननिहाल बेहद धनाढ्य घराना था. उनके नाना सेठ हरिदास थालनेर इलाके के सबसे बड़े बिजनेसमैन थे. थालनेर में उनके पास अपने महल के अलावा 60 और घर थे. हरिदास ने थालनेर में कई मंदिर बनवाए थे.
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए मुंबई से ब्यूरो रिपोर्ट।