Land Jihad: उत्तराखंड सीएम धामी ने वन विभाग की 10 हेक्टेयर जमीन मुक्त कराई…..
Land Jihad वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण के मामले वर्षों से चल रहे हैं। लेकिन सीएम पुष्कर सिंह धामी के सख्त रवैया के बाद अब वन विभाग के अधिकारी भी अतिक्रमणकारियों के पीछे दौड़ते नजर आ रहे हैं।
हल्द्वानी : Land Jihad: जंगल यानी सिर्फ वन विभाग का स्वामित्व। यहां हेक्टेयरों में जमीन पर कब्जा होने के साथ मजारें भी खड़ी हो जाती है। लेकिन वन विभाग के अधिकारी कथित तौर पर अनजान बने रहते हैं।
बाघ-हाथी, गुलदार, पक्षी और दुर्लभ वनस्पतियों के जंगल को बचाने की सुध तब आई, जब सीएम पुष्कर सिंह धामी सख्त हुए। इसी वजह से वन विभाग के अधिकारी अब अतिक्रमणकारियों के पीछे दौड़ते नजर आ रहे हैं।
गुरुवार को तराई पूर्वी डिवीजन की दो रेंज से करीब दस हेक्टेयर जमीन मुक्त कराई गई। एक जगह मजार भी तोड़ी गई। पास में बैठने के लिए बड़ा शेल्टर भी बना था। वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण के मामले वर्षों से चल रहे हैं। आबादी से सटी वनभूमि के अलावा घने जंगलों तक में कब्जा हुआ है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर बड़ा अभियान कभी नजर नहीं आया।
आठ अप्रैल को कालाढूंगी में आयोजित एक रैली के दौरान सीएम ने कहा था कि प्रदेश में किसी हाल में कब्जा नहीं होने देंगे, जिसके बाद जागरण ने पिछले एक साल में इस अहम मुद्दे को लेकर वन विभाग के बड़े अधिकारियों की तरफ से बयानबाजी को लेकर भी प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।
इसके बाद तराई क्षेत्र में कार्रवाई भी शुरू हुई। गुरुवार को तराई पूर्वी डिवीजन के एसडीओ अनिल कुमार जोशी के नेतृत्व में टीम ने किशनपुर रेंज और लालकुआं से सटे जंगल में पुलिस और पीएसी की मदद से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। किशनपुर में त्यूणीखाल में पांच हेक्टेयर जमीन मुक्त कराई।
यहां जंगल में खेती की जा रही थी। इसके बाद नब्बे एकड़ नाम की जगह पर बनी मजार को गिराया गया। बाद में टीम लालकुआं के जंगल में देवरामपुर सेकेंड बीट पहुंची। पांच हेक्टेयर जमीन यहां भी खाली करवाई। अतिक्रमणकारी तारबाड़ से घेराबंदी कर यहां खेती करने की तैयारी में थे।.
वन विभाग पर अब भी सवाल
- सालों पुराने इन अतिक्रमण के मामलों में लंबी चुप्पी आखिर क्यों?
- अतिक्रमण हटाने के लिए शासन-मुख्यालय के आदेश का इंतजार क्यों?:जंगल में कब्जे के वक्त रेंजर, एसडीओ और डीएफओ की भूमिका क्या?
- स्थानीय लोगों पर तमाम प्रतिबंध, कब्जे वाले बाहरी लोगों को क्यों आने दिया?
- कब्जे को लेकर जिम्मेदार कर्मचारी-अधिकारी पर भी कार्रवाई क्यों नहीं?
- हेक्टेयर में कब्जाई जमीन का पता अब चल रहा, अब तक क्या किया?
- बाघ-हाथी और गुलदार के जंगल में घुसपैठ रोकने के बजाय चुप्पी क्यों?
- पदचिह्न और मल को देख बाघ-हाथी गिनने वालों को बाहरी क्यों नहीं दिखे?
डिवीजन की दो रेंज में अभियान चलाकर दस हेक्टेयर क्षेत्र अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। एक जगह धार्मिक संरचना भी मिली है।
आइडिया फॉर न्यूज के लिए उत्तराखंड से ब्यूरो रिपोर्ट