अलविदा वीरभद्र सिंह: 18 दिन के भी CM रहे, 16 बार चुनाव लड़े, केवल 2 बार हारे!
अलविदा वीरभद्र सिंह: 18 दिन के भी CM रहे, 16 बार चुनाव लड़े, केवल 2 बार हारे!
Goodbye Virbhadra Singh: Was CM even for 18 days, contested 16 times, lost only 2 times :-
केंद्रीय राजनीति में अहम रोल अदा करने वाले वीरभद्र सिंह ने 1983 में प्रदेश राजनीति में सक्रियता बढ़ाई. सन 1983 में वह जुब्बल कोटखाई सीट से उपचुनाव जीते. इसके बाद सन 1985 के विधानसभा चुनावों में वीरभद्र सिंह ने जीत हासिल की.
हिमाचल प्रदेश के छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) के निधन के बाद अब कांग्रेस की सियासत में अहम किरदार रुखसत हो गया है. वीरभद्र सिंह को अक्सर उनके समर्थक कहते थे कि ‘राजा नहीं फकीर है, हिमाचल की तकदीर हैं.’ ऐसे में हिमाचल कांग्रेस (Himachal Congress) के लिए आने वाले समय में चुनौतियां पेश आएंगी. क्योंकि कांग्रेस के पास फिलहाल ऐसा कोई नेता मौजूद नहीं है जो मैदानी से लेकर पहाड़ तक उनके नाम और अपील पर एकजुट हो जाता था.
वीरभद्र सिंह ने अपने सियासी करियर में 16 चुनाव लड़े. इनमें 14 जीत बार उन्हें जीत नसीब हुई, जबकि दो बार हार का सामना करना पड़ा. एक बार विधानसभा और एक बार लोकसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा. साल 1977 में जब देश में आपातकाल के बाद कांग्रेस विरोधी लहर थी तो उस समय वीरभद्र सिंह भी हार गए है. उन्हें मंडी लोकसभा सीट से जनता पार्टी के गंगा सिंह से हार का सामना करना पड़ा. वहीं, 1990 में जुब्बल कोटखाई से उन्हें हिमाचल के पूर्व सीएम राम लाल ठाकुर से भी हार झेलनी पड़ी. इसके अलावा, वह कभी अपने जीवन में चुनाव नहीं हारे.
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए शिमला से शिवानी नेगी देहरादून से अमित सिंह के साथ ब्यूरो रिपोर्ट।
Goodbye Virbhadra Singh: Was CM even for 18 days, contested 16 times, lost only 2 times :-
Virbhadra Singh, who played an important role in central politics, increased his activism in state politics in 1983. In 1983, he won the by-election from Jubbal Kotkhai seat. After this, Virbhadra Singh won the 1985 assembly elections.
After the death of Virbhadra Singh, the six-time CM of Himachal Pradesh, now an important role in the politics of Congress has turned into a standstill. Virbhadra Singh was often told by his supporters that ‘Raja nahi fakir hai, Himachal ki destiny hai’. In such a situation, there will be challenges for Himachal Congress in the coming times. Because at present there is no such leader with Congress who used to unite on his name and appeal from plain to mountain.
Virbhadra Singh contested 16 elections in his political career. In these, he was able to win 14 times, while he had to face defeat twice. Once in the assembly and once in the Lok Sabha elections, Virbhadra Singh had to face defeat. In the year 1977, when there was an anti-Congress wave in the country after the Emergency, then Virbhadra Singh also lost. He had to face defeat from Ganga Singh of Janata Party from Mandi Lok Sabha seat. At the same time, in 1990, he had to face defeat from former Himachal CM Ram Lal Thakur from Jubbal Kotkhai. Moreover, he never lost an election in his life.
Shivani Negi from Shimla with Amit Singh from Dehradun bureau report for Idea for News.