गढ़वाली लोक कलाकार व हास्य के जनक रामरतन काला प्रशिद्ध नही रहे …
ब्रेकिंग कोटद्वार
गढ़वाली लोक कलाकार व हास्य के जनक रामरतन काला!प्रशिद्ध नही रहे …
Garhwali folk artiste and father of humor Ramratan Kala :-
दुःखद सूचना, नही रहे उत्तराखंड के गढ़वाली लोक कलाकार व हास्य के जनक रामरतन काला!प्रशिद्ध
कोटद्वार गढ़वाल 1990 के दशक के लगभग आकाशवाणी नजीबाबाद से एक गढ़वाली गीत पूरे गढ़वाल में धूम मचाता था ” मिथै ब्योला बणै द्याओ ब्योली खुजै द्यो ” कोटद्वार मानपुर के रहने वाले रामरतन काला का यह गीत आज भी उस दौर के रेडियो श्रोताओं को खूब याद आता है लेकिन दुःखद खबर आ रही है कि गढ़वाली गीतों का यह सदाबहार गायक अब इस दुनिया को अलविदा कह गया है। बीते कुछ सालों से लकवे के चलते उन्हें रंगमंच से दूर होना पड़ा था आर्थिक दुश्वारियों के चलते पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खण्डूरी ने कुछ आर्थिक सहायता बीमारी के उपचार के लिए की थी लेकिन शरीर ढंग से साथ नही दे रहा था आखिर लम्बी बीमारी और कठिन जीवन संघर्ष के बीच यह हरफनमौला लोक कलाकार इस नश्वर शरीर को त्यागकर भगवान महेश्वर सदाशिव के धाम को गमन कर गया,,,
शरीर नश्वर है हर एक व्यक्ति को तय समय पर जाना है कोई आगे कोई पीछे लेकिन इस दुनिया में शेष रह जाता है आपका कर्म आपका चरित्र आपका व्यवहार और लोग उसी को याद करते हैं जो अच्छाइयों के मार्ग पर चला हो जिसके व्यवहार मे आचरण मे लोकहित रहा हो स्वर्गीय रामरतन काला ने लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी के वीडियो गीतों मे भी यादगार अभिनय किया जिसमें नया जमना का छौरों कन उठि बौल रौक एण्ड रोल, तेरो मछोई गाड़ बोगिगे ले खाले अब खा माछा, समद्युला का द्वी दिन समलौणा ह्वै गीनि आदि सैकड़ौं गीतों में स्वः रामरतन काला ने बेहतरीन अदाकारी की थी।गढ़वाली गीत संगीत और संस्कृति का ध्वजवाहक यह लोक कलाकार खामोशी से इस मृत्युलोक को छोड़कर महाईश्वर सदाशिव के परमधाम को गमन कर गया अलविदा रारा दा,
Idea for news ke liye kotdwar se amit singh negi ki report.
Sad information, Garhwali folk artist of Uttarakhand and father of humor Ramratan Kala! Kotdwar Garhwal Around the 1990s, a Garhwali song from Akashvani Najibabad made a splash all over Garhwal, “Mithai Biola Banai Dayao Bioli Khujai Dyo” This song of Ramratan Kala, resident of Kotdwar, Manpur, is still remembered by the radio listeners of that era. But the sad news is coming that this evergreen singer of Garhwali songs has now said goodbye to this world. For the last few years, due to paralysis, he had to be away from the theater due to financial difficulties, former Chief Minister Bhuvan Chandra Khanduri had given some financial help for the treatment of the disease but was not supporting the body in the end, the long illness and the difficult life struggle. This all-round folk artist abandoned this mortal body and went to the abode of Lord Maheshwar Sadasiva, The body is mortal, every person has to go on time, someone else is behind, but remains in this world, your karma, your character, your behavior and people remember only those who have walked on the path of goodness, in whose behavior public interest The late Ramratan Kala also played memorable songs in the video songs of folk singer Narendra Singh Negi in which Naya Jamna Ka Chharon Ka Uthi Boul Rauk and Roll, Tero Machoi Gaadi Bogige Le Khale Ab Kha Macha, Samdula Ka Dwila Samalauna Hwai Gini etc. Hundreds of songs I myself: Ramratan Kala did an excellent performance. This folk artist of Gujawali song music and culture left this death from silence and went to the supreme abode of Maheshwar Sadashiva, bye bye Rara da,
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