आईआईटी जोधपुर के ऐतिहासिक समारोह आईआईटीजे/15 का उद्घाटन

आईआईटी जोधपुर के ऐतिहासिक समारोह आईआईटीजे/15 का उद्घाटन।

आईआईटी जोधपुर के ऐतिहासिक समारोह आईआईटीजे/15 का उद्घाटन, शिक्षा और अनुसंधान में संस्थान की उपलब्धियों के 15 साल पूरे होने का जश्न

संस्थान परिसर में 16 मार्च 2023 को हुआ समारोह का उद्घाटन
आईआईटीजे/15 में आज से 2 अगस्त 2023 (संस्थान स्थापना दिवस) तक कई कार्यक्रम और कार्यशालाएं होंगी

देहरादून, 17-मार्च-2023: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के विशेष समारोह आईआईटीजे/15 के उद्घाटन के साथ संस्थान शिक्षा और अनुसंधान में 15 साल की उपलब्धियों का जश्न मना रहा है।

आईआईटीजे/15 समारोह का उद्घाटन 16 मार्च 2023 को हुआ और इसमें भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. एस. चंद्रशेखर शामिल हुए। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों में संस्थान का पूरा समुदाय सक्रिय रहा। यह आयोजन केवल अतीत की उपलब्धियों का जश्न नहीं बल्कि बेहतर भविष्य की योजना बनाने का अवसर भी है। इस अवसर पर टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआईएच), आई-हब दृष्टि का उद्घाटन किया गया। इसकी स्थापना भारत सरकार के इंटरडिसिप्लिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम्स (एनएम-आईसीपीएस) के राष्ट्रीय मिशन के तहत की गई है। इसमें कंप्यूटर विजन, ऑगमेंटेड और वर्चुअल रियलिटी (एआर वीआर) के शोध पर जोर दिया गया है। इस अवसर पर डॉ. चंद्रशेखर ने अन्विसा (छात्रों के लिए इनोवेशन का अभूतपूर्व स्थान), इंटेलिया (अंतर-विभागीय प्रतियोगिता) और आईआईटीजे/15 प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

आईआईटी जोधपुर शिक्षा में सहूलियत और इनोवेटिव रिसर्च पर जोर देता है। संस्थान का लक्ष्य देश की सामाजिक चुनौतियों का समाधान करना है। आईआईटी जोधपुर का पहला शैक्षणिक सत्र 2008 में आईआईटी कानपुर परिसर में शुरू हुआ। सन् 2010 में इसका स्थानांतरण जोधपुर के एक अस्थायी परिसर में किया गया और 2017 में यह अपने स्थायी परिसर में आया। आईआईटी जोधपुर के इतिहास में शिक्षा एवं अनुसंधान दोनों में इसकी महत्वपूर्ण उपलब्धियां दिखती हैं। ‘आत्मनिर्भरता’ के राष्ट्रीय मिशन की ओर अग्रसर संस्थान शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास और उद्योग जगत के सहयोग से विभिन्न विषयों के कई प्रोजेक्ट पर निरंतर कार्यरत है। इस प्रगति का श्रेय पूरे आईआईटी जोधपुर समुदाय की सक्रिय भागीदारी, समर्पण और दिल से समर्थन को जाता है।

आईआईटीजे/15 के उद्घाटन पर आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. शांतनु चैधरी ने कहा, “आईआईटी जोधपुर ने पिछले 15 वर्षों में अध्ययन-अध्यापन का बेजोड़ इकोसिस्टम बनाया है। इसमें विभिन्न विषयों के बीच परस्पर संबंध हैं। यहाँ रचनात्मक और मौलिक विचारों को बढ़ावा दिया जाता है और नया दौर शुरू करने वाले इनोवेशन प्रोत्साहित किए जाते हंै।’’

राष्ट्र निर्माण में संस्थान का योगदान बताते हुए भारत सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. एस. चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘भारत 2047 तक एक सुपरपावर बन सकता है। इसके लिए संसाधनों का सदुपयोग करना होगा क्योंकि भविष्य में इसकी अहम भूमिका होने वाली है। आज मानवीय पहलुओं का विज्ञान और प्रौद्योगिकी में समावेश करना जरूरी है। यह समय सभी को मिल कर सोचने का है कि हमारा ग्रह कैसे सब के रहने योग्य बना रहे। ग्रह को कैसे सुरक्षित और जीवित रखें। सस्टेनेबल विकास को लेकर आईआईटी जोधपुर का काम उल्लेखनीय रहा है और मैं इसके लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं।’’

संस्थान अंडरग्रैजुएट (यूजी) और पोस्टग्रैजुएट (पीजी) शिक्षा की पुनर्संरचना और निरंतर सुधार के साथ-साथ अनुसंधान का बेहतर परिवेश बना रहा है। संस्थान के कोर, इंटरडिस्पिलनरी, मल्टीडिस्पिलनरी और ट्रांसडिसिप्लिनरी यूजी, पीजी और डॉक्टरेट प्रोग्राम हैं जिनके शैक्षणिक पाठ्यक्रम में फ्लेक्सिबिलिटी है। संस्थान में 10 अकादमिक विभाग और 03 स्कूल हैं जिनमें विभिन्न अकादमिक और शोध प्रोग्राम संचालित किए जाते हैं। संस्थान ने सतत विकास के लिए सेंटर फाॅर इमर्जिंग टेक्नोलाॅजीज़ और सेंटर फाॅर टेक्नोलाॅजी एण्ड फोरसाइट की स्थापना की है। आईआईटी जोधपुर अंतःविषयी अनुसंधान पर जोर देता है और इसमें एक अंतःविषयी अनुसंधान प्रभाग की स्थापना भी की गई है जो स्मार्ट हेल्थकेयर, क्वांटम इन्फाॅर्मेशन और कम्प्युटेशन, रोबोटिक्स और मोबिलिटी सिस्टम और डिजिटल मानविकी जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में छह अंतःविषयी अनुसंधान प्लेटफार्मों को आधार देता है। संस्थान ने शिक्षा जगत के लोगांे को एनईपी 2020 और इस नीति के सफल क्रियान्वयन में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक बनाने की भी पहल की है।

वर्तमान में 4000 से अधिक छात्र संस्थान के कैंपस और ऑनलाइन शिक्षा के विभिन्न प्रोग्रामों में नामांकित हैं। आज छात्रों को इंजीनियरिंग इनोवेशन को एक माइनर के रूप में चुन कर अपने विचारों को विस्तार देने का अवसर है। यह उम्मीद है कि इस प्रयास से वे उद्योग जगत या अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर इंजीनियरिंग अनुसंधान में कदम रखेंगे। संस्थान के अंदर और बाहर के 488 अनुसंधान प्रोजेक्ट जारी हैं जिनके लिए कुल लगभग 200 करोड़ रुपये की राशि मंजूर है।

संस्थान के लिए 15 साल सफलतापूर्वक काम करने के बाद यह आवश्यक है कि अपनी उपलब्धियों की पूरी समीक्षा करे और अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों की ओर देखे। इस अवसर पर आईआईटीजे/15 समारोह में आईआईटी जोधपुर की योजना कई कार्यक्रम और कार्यशालाएं करने की है। संस्थान की योजना शिक्षा, प्रौद्योगिकी और उद्योग जगत के दूरदर्शी जानकारों को आमंत्रित कर संस्थान के सुनहरे भविष्य के लिए उनका मार्गदर्शन और सूझबूझ प्राप्त करना है।.

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