बीमारी में मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा, अब ये लड़ाई लंबी चलेगी-चिराग !
बीमारी में मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा, अब ये लड़ाई लंबी चलेगी-चिराग !
Conspiracy was hatched against me in illness, now this fight will go on for a long time – Chirag :-
चिराग पासवान का चाचा पर बड़ा आरोप,
बीमारी में मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा, अब ये लड़ाई लंबी चलेगी-
चिराग पासवान ने कहा कि पिता के निधन के बाद नहीं लेकिन चाचा के धोखे के बाद मैं अनाथ हो गया हूं. उन्हें (पशुपति पारस) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का कोई अधिकार नहीं है. यह एक लंबी कानूनी लड़ाई है जो आगे भी जारी रहेगी.
नई दिल्ली: राम विलास पासवान की पार्टी एलजेपी (LJP) पर अधिकार की लड़ाई जारी है. एक तरफ राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) हैं दूसरी तरफ भाई पशुपति कुमार पारस हैं. LJP में चाचा की बगावत के बाद आज चिराग पासवान पहली बार पत्रकारों के सामने आए. उन्होंने कहा कि पार्टी ने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिराग ने चाचा पशुपति कुमार पारस पर जमकर निशाना साधा.
चाचा ने धोखा दिया: चिराग पासवान
चिराग पासवान ने कहा, ‘मैं अभी भी पार्टी का अध्यक्ष हूं. पार्टी का संविधान मुझे इसकी इजाजत देता है. जो लोग मुझे हटाने का दावा कर रहे हैं उन्हें पार्टी के संविधान की कोई जानकारी नहीं हैं. पिता के निधन के बाद नहीं लेकिन चाचा के धोखे के बाद मैं अनाथ हो गया हूं.
चिराग ने कहा कि कुछ जगह खबरें चल रही हैं कि मुझे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाया जा चुका है. लोक जनशक्ति पार्टी का संविधान कहता है कि पार्टी अध्यक्ष का पद सिर्फ दो परिस्थितियों में खाली हो सकता है या तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का निधन हो या राष्ट्रीय अध्यक्ष इस्तीफा दें.
चिराग ने कहा कि मेरी पार्टी के पूरे समर्थन के साथ मैंने चुनाव लड़ा. कुछ लोग संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए तैयार नहीं थे. मेरे चाचा ने खुद चुनाव प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभाई. मेरी पार्टी के कई और सांसद अपने व्यक्तिगत चुनाव में व्यस्त थे. दुख मुझे इस बात का है कि जब मैं बीमार था, उस समय मेरे पीठ पीछे जिस तरह से ये पूरा षड्यंत्र रचा गया. मैंने चुनाव के बाद अपने चाचा से संपर्क करने का, उनसे बात करने का निरंतर प्रयास किया.
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चिराग ने कहा कि जब मेरे पिता राम विलास पासवान जिंदा थे तब भी पार्टी को तोड़ने की कोशिशें होती रहती थीं. हमने अपनी नीतियों से समझौता नहीं किया और बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया. उन्होंने आगे कहा कि मैंने हमेशा परिवार और पार्टी को एक साथ रखना चाहा. LJP भले