गीली मिटटी की तरह होते हैं बच्चे और कुम्हार सामान होती है माँ: श्री महंत डॉ प्रज्ञा भारती जी

गीली मिटटी की तरह होते हैं बच्चे और कुम्हार सामान होती है माँ: श्री महंत डॉ प्रज्ञा भारती जी
रुड़की, 23 मई, 2023: श्री भवानी शंकर आश्रम रुड़की में 18 से 26 मई तक श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार को कथा कहते हुए श्री महंत डॉ प्रज्ञा भारती जी ने बताया कि बच्चे गीली मिटटी के सामान होते हैं और माँ कुम्हार सामान होती है। अब यह माँ पर निर्भर होता है के वह बच्चों को योग्य बनाये अथवा अयोग्य। उन्होंने माता कौशल्या का उदाहरण देते हुए बताया कि भगवान् श्री राम को योग्य इस भारतवर्ष की माता कौशल्या ने बनाया। यह माता कौशल्या ही थीं जिन्होंने प्रभु श्री राम में श्रेष्ठ संस्कार धारण किये और उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम बनाया। उन्होंने यह भी बताया कि माता के गुण और स्वभाव का भी बालक के मानस और व्यक्तित्व पर बहुत प्रभाव पड़ता है। माता कौशल्या स्वयं एक महान नारी एवं माता थीं। सदा धर्मपरायण और राम और अन्य पुत्रों में कभी भेद न करने वाली महान माता कौशलया ही ऐसे महान संस्कार राम को दे देकर उन्हें राम बना सकती थीं। बता दें कि श्री रामकथा का भव्य आयोजन श्री महंत रीमा गिरी जी और श्री महंत त्रिवेणी गिरि जी के पर्यवेक्षण में हो रहा है।

आइडिया फॉर न्यूज के लिए रुड़की से अमित सिंह नेगी की रिपीट।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *