चंडीगढ़: नेशनल लेवल तक बॉक्सिंग खेली, अब सेक्टर-22 में पार्किंग की पर्चियां काटती हैं रितु !

चंडीगढ़: नेशनल लेवल तक बॉक्सिंग खेली, अब सेक्टर-22 में पार्किंग की पर्चियां काटती हैं रितु !

Chandigarh: Played boxing till national level, now Ritu cuts parking slips in Sector-22 :-

पिता की तबीयत खराब होने के बाद घर की माली हालत बिगड़ी तो नेशनल लेवल बॉक्सर रितु को छोड़ने पड़ी पढ़ाई. घर का खर्चा चलाने के लिए पार्किंग स्लॉट पर करना पड़ रहा है काम.

पूरे देश की निगाहें टोक्यो ओलंपिक पर हैं. क्योंकि ओलंपिक में हमारे देश के कई युवा खेलों में नाम रोशन कर रहे हैं. चाहे मीराबाई चानू या महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी. पूरा देश गोल्ड मेडल की आस लगा कर बैठा है. इन खेलों के समय तो सरकार मेडल लाने वाले खिलाड़ियों की खूब पूछ-परख करती है, लेकिन बाद में लोग इन्हें भूल जाते हैं. आर्थिक हालातों के कारण कई खिलाड़ियों को अपना खेल छोड़ना पड़ता और उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

ऐसी ही एक कहानी चंडीगढ़ के बॉक्सर की है. जो कभी नेशनल लेवल की प्लेयर रह चुकी हैं, लेकिन आज उसके आर्थिक हालात इतने बिगड़े उसे घर संभालने की नौबत आई तो वह एक पार्किंग स्लॉट में काम कर रही है. रितु अपने परिवार समेत धनास के स्मॉल फ्लैट मैं रहती है. ऋतु के पिता बीमार हैं, जिन पर महीने की दवाई का खर्चा 10000 रुपए के करीब आता है. घर में कमाने वाले केवल पिता थे, जब वह बीमार पड़ गए तो घर का खर्चा नहीं चलता था. ऐसे में रितु ने भी पढ़ाई छोड़ कर काम करने की ठानी.

पार्किंग की पर्चियां काटती हैं रितु
रितु इन दिनों सेक्टर 22 की पार्किंग स्लॉट में आपको पर्चियां काटती हुई नजर आ जाएंगी. रितु बॉक्सिंग में नेशनल लेवल की चैंपियन रह चुकी हैं और जब तक वह बॉक्सिंग खेली तब तक उन्होंने खूब मेडल भी जीते. रितु 12वीं पास है, लेकिन पिता की तबीयत अचानक खराब होने के कारण घर की माली हालत देख वह पढ़ाई जारी नहीं रख सकीं. बड़े भाई रंजीत ने भी घर के हालात को देखते हुए पढ़ाई बीच में छोड़ दी.

रितु बताती हैं कि घर के हालात खराब थे और ऐसे में खर्चा चलाने के लिए उन्हें अब पार्किंग स्लॉट पर काम करना पड़ रहा है. वह चाहती हैं कि अपनी पढ़ाई जारी रखें और अपने पैशन बॉक्सिंग को भी जारी रख सकें. उनका सपना है कि वह आर्मी में जाए. इसको लेकर वह लगातार आर्मी के एग्जाम भी दे रही हैं. उनका कहना था कि अगर उनको मौका मिलता तो वह देश का नाम बॉक्सिंग में रोशन करते हैं.

आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए चंडीगढ़ से सुमित कम्बोज देहरादून से अमित सिंह नेगी के साथ ब्यूररो रिपोर्ट।

Chandigarh: Played boxing till national level, now Ritu cuts parking slips in Sector-22 :-

After her father’s health deteriorated, the financial condition of the house deteriorated, so national level boxer Ritu had to leave her studies. To run the household expenses, work has to be done on the parking slot. The eyes of the whole country are on the Tokyo Olympics. Because in the Olympics, many youths of our country are making their name bright in sports. Whether Mirabai Chanu or a player of the women’s hockey team. The whole country is waiting for the gold medal. At the time of these games, the government inquires a lot about the players who bring medals, but later people forget them. Due to financial conditions, many players have to give up their game and they have to face difficulties. One such story is of a boxer from Chandigarh. Who has once been a national level player, but today her financial condition has deteriorated so much that she is working in a parking slot when she comes to take care of the house. Ritu along with her family lives in a small flat in Dhanas. Ritu’s father is ill, on whom the cost of medicine for the month comes close to Rs 10000. The father was the only earner in the house, when he fell ill, the expenses of the house could not be met. In such a situation, Ritu also decided to leave studies and work. Ritu cuts parking slips These days Ritu will be seen cutting slips in the parking slot of Sector 22. Ritu has been a national level champion in boxing and by the time she played boxing, she also won a lot of medals. Ritu is 12th pass, but due to the sudden deterioration of her father’s health, she could not continue her studies after seeing the financial condition of the house. Elder brother Ranjit also left studies in the middle of the situation in the house. Ritu tells that the condition of the house was bad and in such a situation she has to work on the parking slot to meet the expenses. She wants to continue her studies and can also continue her passion boxing. His dream is to join the army. For this, she is also constantly giving army exams. He used to say that if he got a chance, he would illuminate the name of the country in boxing.

Bureau reports for Idea for News Sumit Kamboj from Chandigarh along with Amit Singh Negi from Dehradun.

 

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