एम्स ऋषिकेश का कोविड 19 को लेकर क्षेत्रों, समीपवर्ती गांवों में अभियान !

एम्स ऋषिकेश का कोविड 19 को लेकर क्षेत्रों, समीपवर्ती गांवों में अभियान !

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश की ओर से कोरोनाकाल में जनजागरुकता के उद्देश्य से निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी के निर्देशन में गठित कोविड19 कम्यूनिटी टास्क फोर्स सततरूप से कोरोना से प्रभावित एवं इसका दंश झेल चुके लोगों के लिए एक सहारा बना हुआ है। कोविड19 महामारी के इस चरण में कोविड19 कम्यूनिटी टास्क फोर्स ने ऋषिकेश नगर, आसपास के क्षेत्रों, समीपवर्ती गांवों में अभियान चलाकर लोगों को इस बाबत जागरुक किया और विभिन्न विद्यालयों का भ्रमण कर विद्यार्थियों से इस महामारी पर चर्चा की।

इस अवसर पर अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने कहा कि इस महामारी से लड़ने के लिए कोविड 19 वैक्सीन कारगर साबित हो रही है, लिहाजा इसके संक्रमण से अब घबराने की आवश्यता नहीं है बल्कि सुरक्षा के लिहाज से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क पहनने व कम से कम 40 सेकंड तक साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोने आदि से दिनचार्य को सामान्य बनाया जा सकता है। उनका मानना है कि अभी खतरा टला नहीं है, मगर ऐसी स्थिति में घबराने की बजाए सूझबूझ से काम लेने की जरुरत है। अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि देश में विद्यार्थी तीन स्तर पर हैं स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय लेवल। इन तीनों ही स्तर के विद्यार्थियों पर कोविड19 की वजह से मानसिक, शारीरिक व आर्थिक स्तर पर दुष्प्रभाव पड़ा है। इसमें मानसिकरूप से प्रभावित होने वाले बच्चे चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन आदि से ग्रसित हैं व सामाजिक दूरी बढ़ने से उन्हें अकेले रहने की आदत हो गई है,जिसका दुष्प्रभाव उनके एकेडमिक लेवल पर पड़ रहा है। साथ ही कोविड के दौर में मोबाईल के माध्यम से अधिक कार्य करने से आंखों में ज्यादा जोर पड़ना, आंखों की दूसरी तकलीफें व थकावट आदि की समस्याएं भी बढ़ृी हैं।
इस बाबत एम्स ऋषिकेश कम्यूनिटी टास्क फोर्स के नोडल ऑफिसर डा. संतोष कुमार ने कहा कि कोविड19 से बच्चों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

मुहिम के दौरान विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों व छात्रों से बातचीत में यह तथ्य भी सामने आए हैं कि कुछ बच्चों में कोविड महामारी के बाद से कुछ लक्षण उभरकर सामने आए हैं, जिनमें डर लगना, चिड़चिड़ापन, नींद नहीं आना आदि प्रमुखरूप से शामिल हैं, उन्होंने बताया कि इस तरह के लक्षणों से घबराने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि ऐसे समय में अभिभावकों व शिक्षकों को समानरूप से बच्चों के प्रति सद्व्यहार अपनाना चाहिए।
आईडिया फॉर न्यूज़ के लिए ऋषिकेश से सिंह ने गई की रिपोर्ट।

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