विद्यालयों में सम्पूर्ण संख्या 75 या उस से अधिक – सचिव!

विद्यालयों में सम्पूर्ण संख्या 75 या उस से अधिक – सचिव!

 उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद् की परिषदीय परीक्षा वर्ष 2019 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षाओं के आयोजन हेतु परीक्षा केन्द्र निर्धारण की व्यवस्था के सम्बन्ध में नीति निर्धारित की गई है। इस सम्बन्ध में सचिव माध्यमिक शिक्षा डाॅ.भूपिन्दर कौर औलख ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा को जारी पत्र में लिखा है कि समस्त ऐसे राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को जिनमें परीक्षार्थियों की सम्पूर्ण संख्या 75 या उससे अधिक है, परिषदीय परीक्षा 2019 में परीक्षार्थियों को स्वकेन्द्र की सुविधा प्रदान की जाय। परीक्षार्थियों की संख्या 75 से कम होने पर समीपस्थ विद्यालयों में जहां परीक्षा केन्द्र स्थापित हो, में परीक्षा केन्द्र की सुविधा प्रदान की जाये। ऐसे एक विद्यालय के समस्त बालक/बालिका संस्थागत परीक्षार्थियों को निकटस्थ एक ही परीक्षा केन्द्र आवंटित किया जाय।
सचिव माध्यमिक शिक्षा ने निःशक्तजन परीक्षार्थियों को निकटवर्ती, सुविधाजनक परीक्षा केन्द्र आबंटित करने तथा भूतल में बैठने की सुविधा प्रदान करने हेतु लिखा है, प्रत्येक परीक्षा केन्द्र में केन्द्र व्यवस्थापक, परीक्षा प्रभारी एवं परीक्षा प्रभारी के साथ दो शिक्षकों की सहायक के रूप में सम्बन्धित केन्द्र/विद्यालय के अध्यापकों की तैनाती के निर्देश दिये तथा इन्हें कक्ष निरीक्षकों के कार्यों से मुक्त रखने के निर्देश दिये है/
सचिव ने निर्देश दिये कि विगत वर्षों में जिन विद्यालयों के विरूद्ध जिलाधिकारी, शिक्षा अधिकारी, बाह्य केन्द्र निरीक्षकों के द्वारा केन्द्र की शुचिता के सम्बन्ध में प्रतिकूल निरीक्षण आख्या दी गयी हो या शिकायत की गयी हो, अथवा परीक्षा केन्द्र पर प्रश्न पत्रों की गोपनीयता भंग हुई हो, अथवा ऐसे विद्यालय जिसके प्रबन्ध तंत्र एवं प्रधानाचार्य में कोई विवाद हो, को परिषदीय परीक्षा केन्द्र न बनाया जाय/
प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के दृष्टिगत रखते हुए परीक्षा केन्द्र बनाये जाने हेतु विद्यालयों के लिए कुछ अपरिहार्य शर्तें निर्धारित की गई है। विद्यालय को परीक्षा केन्द्र बनाये जाने के लिए अनिवार्य शर्तों में विद्यालय का भवन सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त होने, निर्जन तथा एकान्त में स्थित विद्यालय को परीक्षा केन्द्र न बनाने, प्रश्नपत्र रखे जाने वाले कक्ष पक्कें तथा सुरक्षित होने, उसमें प्रवेश/निकास एक ही दरवाजे से होने, जिसमें पृथक-पृथक दो ताले लगाने की व्यवस्था हो/
संवेदनशील तथा अतिसंवदेनशील परीक्षा केन्द्रों के चिन्हीकरण हेतु मानक रखे गये है ऐसे विद्यालयों का चिन्हीकरण करके उनके सन्दर्भ में व्यवस्था के सृदृढ़ीकरण के लिए विशेष कार्यवाही किये जाने का भी प्रावधान रखा गया है।
संवेदनशील तथा अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर परिषदीय परीक्षा के सफल सम्पादन हेतु आवश्यक विशेष उपाय अपनाने के निर्देश दिये व मुख्य शिक्षा अधिकारी इन परीक्षा केन्द्रों की व्यवस्था सुदृढ़ करने हेतु सुरक्षा सम्बन्धी एवं अन्य व्यवस्थागत् उपाय सुनिश्चित करायेंगे। जहां एक पारी में परीक्षा दे रहे बालकों की अधिकतम संख्या, अथवा बालक और बालिकाओं के मिश्रित केन्द्र की स्थिति में एक पारी में अधिकतम मिश्रित संख्या 400 से अधिक हो।
ऐसे व्यक्तियों को केन्द्र व्यवस्थापक न बनाने के निर्देश हैं जिनके सन्दर्भ में परीक्षा में प्रश्नपत्र की गोपनीयता भंग होने की शिकायत प्राप्त हो, अथवा जिनके केन्द्र व्यवस्थापक रहते हुए परीक्षा केन्द्र पर सामूहिक नकल हुई हो, अथवा जिनके द्वारा परीक्षा सम्बन्धी कोई अन्य अनियमितता की गई हो।
परीक्षा केन्द्र पर 75 परीक्षार्थियों की न्यूनतम संख्या होना अनिवार्य है। यदि किसी परीक्षा केन्द्र पर 1200 से अधिक परीक्षार्थी आवंटित किए गये हैं, तो ऐसे विद्यालय भवन को दो भागों में विभाजित करते हुए परीक्षा केन्द्र बनानें के निर्देश दिये हैं।
जिस विद्यालय के बालक/बालिका को अलग-अलग परीक्षा केन्द्र पर आवंटित किया जाना हो उसे लाल स्याही से अलग-अलग(बालक/बालिका) अंकित करने के निर्देश दिये है।
जनपदीय समिति के सम्मुख प्रत्येक परीक्षा केन्द्र की सम्पूर्ण रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र में प्रस्तुत करने का उत्तरदायित्व मुख्य शिक्षा अधिकारी का होगा जिनमें अन्य विवरण के साथ विद्यालय में परीक्षार्थियों की क्षमता, दूरी, विद्यालय में उपलब्ध सुविधाएं, परीक्षार्थियों की संख्या, प्रश्न पत्रों एवं उत्तरपुस्तिकाओं की गोपनीयता एवं सुरक्षा की सूचना मुख्य शिक्षा अधिकारी अथवा प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रमाणित की जायेगी।
राज्य स्तरीय समिति में निदेशक(माध्यमिक शिक्षा) को अध्यक्ष, सचिव परिषद को सदस्य सचिव, मण्डलीय अपर शिक्षा निदेशक(माध्यमिक), समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारी को सदस्य है। परीक्षा केन्द्र के निर्धारण हेतु राज्य पर परिषद के सचिव द्वारा सदस्य सचिव के रूप में कार्यवृत्त तैयार किया जायेगा, जिसे अध्यक्ष द्वारा अनुमोदित/हस्ताक्षरित किया जायेगा।
देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /

 

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