भाजपा ने कहा कांग्रेस की करनी सामने आ रही है!
भाजपा ने कहा कांग्रेस की करनी सामने आ रही है!
अतिक्रमण हटाने के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी द्वारा ने आरोप सरकार पर लगायें है वह निराधार है, क्योंकि मलिन बस्तियों के निवासियों को गुमराह करने का काम पिछली कांग्रेस सरकार ने किया और मलिन बस्ती सुधार, पुर्नवास पुर्नस्थापन एवं अतिक्रमण निषेध विधेयक 2016 को एक केवल एक चुनावी सगूफे के रूप में प्रचारित प्रसारित किया गया। क्योंकि इस
अधिनियम के तहत जो व्यवस्थायें की गई उसके अनुसार सैकड़ो मलिन बस्तियों के हजारों गरीब निवासियों में से
लगभग 40-50 लोगों को ही लाभान्वित किया जा सकता है। इस प्रकार इस अधिनियम और इसके तहत बनाये
गये नियम मलिन बस्तिवासियों के साथ एक मजाक है। इन्हीं कठिनाईयों को देखते हुये वर्तमान बीजेपी सरकार
द्वारा माव्म् उच्च न्यायालय के आदेश से उत्पन्न परिस्थितियों के मध्येनजर अधिनियम की खामियों को दूर करने के
लिये आवश्यक वैधानिक कदम उठाने का निश्चिय किया है। यदि कांग्रेस की सरकार द्वारा मलिन बस्तियों के
सम्बन्ध में मजाक बन चुके उक्त विधयेक को लाने से पहले ही गम्भीरता दिखाई होती आज ऐसी स्थिति ही
उत्पन्न नहीं होती।
आज कांग्रेस मलिन बस्तियों की पैराकारी का जो ढोंग कर रही है, वास्तव में उनकी समस्याओं के लिये
उनकी सरकार की ही नीतियाँ जिम्मेदार है। केवल चुनावी लाभ के लिये मलिन बस्तियों के नियमितिकरण, सुधार,
पुर्नवास एवं पुर्नस्थापन के नाम पर जो विधेयक लाया गया उसमें मलिन बस्तियों से सम्बन्धित जमीनी हकीकतों
को पूरी तरह नजर अंदाज किया गया है।
कांग्रेस को मलिन बस्तियों की हजारों आबादी के सापेक्ष केवल 40 से 50 लोगों को लाभांवित करने
वाले नियम बनाने के लिये माफी मांगनी चाहिये। यदि उस समय राजनीतिक रोटियाँ सेंकने की बजायें मलिन
बस्तियों का व्यापक सर्वेक्षण और इससे सम्बन्धित सभी कानूनी अरचणों को दूर करने के लिये कदम उठाये जाते
तो आज यह स्थिति उत्पन्न ही नहीं होती।
भाजपा सरकार का पूरा प्रयास है कि मलिन बस्तियों में निवास करने वाली जनता को राहत दिलाई जा
सके, इसके लिये सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। यही नहीं जनता के कष्टों का कारण यह भी है कि वर्ष
2013 से 2016 के बीच माव्म् उच्च न्यायालय को भी भ्रामक सूचनायें दी गई। इसी कारण संभवतः उच्च न्यायालय
को अतिक्रमण हटाने के लिये इतने अधिक सख्त आदेश जारी करने पड़े। अफसोस है कि आज कांग्रेस पार्टी झूठ
बोलकर अपने समय के गुनाहों का आरोप भाजपा सरकार पर मड रही है। कल कांग्रेस की प्रेस कांॅन्फे्रस में जो
महानुभाव चीख-चीख कर कह रहे थे कि अधिनियम पहले से बना हुआ है और नये अधिनियम या किसी संशोधन
की क्या जरूरत है तो उन्हें यह भी बताना चाहिये कि क्या केवल 40 से 50 लोगों का नियमितीकरण कर देने से
मलिन बस्तियों की समस्याओं का समाधान हो जाता है? और यदि नहीं तो ऐसा अधिनियम बनाने से क्या लाभ।
स्पष्ट होता है कि उद्देश्य मलिन बस्तियों के नियमितीरकण की समस्या का समाधान नहीं था बल्कि चुनाव से
पहले वोट पाने का एकमात्र हथकण्डा था।
देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /