मौत से खेलते लाइनमैनों के जीवन की कोई कीमत नहीं सरकार की नजर में -मोर्चा

मौत से खेलते लाइनमैनों के जीवन की कोई कीमत नहीं सरकार की नजर में -मोर्चा

#वेतन दिया जाता है सिर्फ 14- 15 हजार रुपए ! #एसएचजी के माध्यम से तैनात किए गए हैं खतरों के खिलाड़ी | #न भविष्य सुरक्षित है और न हीं वर्तमान! #एक तरह से खुला शोषण है इन श्रमिकों का | #ड्यूटी है पूरे 24 घंटे की | विकासनगर -जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश भर में यूपीसीएल के अंतर्गत विद्युत उपखंडों में तैनात श्रमिक/ लाइनमैन, जोकि एसएचजी (स्वयं सहायता समूह-प्राइवेट ठेकेदार) के माध्यम से स्पॉन्सर/ कार्योजित किए गए हैं, हर वक्त यानी 24 घंटे जान जोखिम में डालकर जनता की सेवा करने में लगे रहते हैं | रात को न जाने कब लाइन/ ट्रांसफार्मर में विद्युत फॉल्ट आ जाए, उस समय भी तैयार रहना पड़ता है वो भी अपना पेट्रोल फूंक कर ,लेकिन आज इन लाइनमैनों की सुध लेने वाला कोई नहीं है | आलम यह है कि इतना जोखिम भरा काम करने की एवज में सरकार ठेकेदारों के माध्यम से सिर्फ 14- 15 हजार रुपए देकर इनका एक तरह से शोषण कर रही है| कई श्रमिक विद्युत चपेट में आकर अपनी जान गवा चुके हैं,इसका भी सरकार को संज्ञान लेना चाहिए |इन लाइनमैनों के भविष्य और इनके बच्चों की शिक्षा दीक्षा का क्या होगा, विभाग/ सरकार को कोई चिंता नहीं है ! सरकार को चाहिए कि इन लाइनमैनों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कोई ठोस कदम उठाये, एसएचजी के बजाए सरकारी संविदा के माध्यम से इनको कार्योजित किया तथा कोई दुर्घटना/ अनहोनी होने पर इनको भारी भरकम बीमा लाभ दिलाया जाना चाहिए, जिससे इनका परिवार आसानी से गुजर- बसर कर सके | मोर्चा शीघ्र ही इन श्रमिकों की आवाज बनकर इनको न्याय दिलाने के लिए सीएम दरबार व शासन में दस्तक देगा |yb

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