खंडूरी जी! संविधान से चलती है विधानसभा न की मनमर्जी से – मोर्चा

खंडूरी जी! संविधान से चलती है विधानसभा न की मनमर्जी से – मोर्चा

#दुराचारी/ जालसाज विधायक के खिलाफ कार्यवाही करना संवैधानिक जिम्मेदारी है न कि व्यक्तिगत| #दल- बदल मामले में विधानसभाध्यक्ष क्यों हैं खामोश ! #सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में हो चुका मुखर | #विधानसभाध्यक्ष इस कृत्य के लिए दें इस्तीफा | विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हाल ही में विधानसभाध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी द्वारा एक बयान में कहा गया कि “मैं किसी दबाव में काम नहीं करूंगी एवं मेरा विधानसभा अध्यक्ष होने का क्या मतलब रह जाएगा” | उक्त मामले में नेगी द्वारा विधानसभाध्यक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विधानसभाध्यक्ष संवैधानिक जिम्मेदारी से बंधी है एवं संवैधानिक मूल्यों का पालन करना उनका कर्तव्य है न कि उनकी व्यक्तिगत मनमर्जी ! अगर मनमर्जी चलानी है तो अपने घर में चलाएं, विधानसभा में नहीं | श्रीमती खंडूरी द्वारा खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार का दल- बदल मामले में बचाव करना/ संरक्षण देना किसी अपराधिक षड्यंत्र से कम नहीं है | ऐसा विधायक, जिसके खिलाफ लगभग तीस मुकदमे भिन्न-भिन्न प्रदेशों यथा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड व पश्चिम बंगाल में संगीन अपराधों यथा यौन शोषण / ब्लैकमेलिंग/ षड्यंत्र/ बलपूर्वक भूमि हड़पने/ जालसाजी आदि के तहत दर्ज हुए हों, जिनमें से कई मुकदमे प्रदेश को शर्मसार करने के लिए बहुत हैं, ऐसे व्यक्ति को संरक्षण देकर विधानसभाध्यक्ष प्रदेश की जनता को धोखा दे रही हैं |उक्त विधायक के अनैतिक कृत्यों के मामले में पूर्व में मा. उच्च न्यायालय भी स्वत: संज्ञान ले चुका है |5-7 दिन पहले मा. सुप्रीम कोर्ट भी विधानसभाध्यक्षों की किसी मामले में निर्णय लेने में लेट लतीफी एवं संरक्षण देकर अनुचित लाभ पहुंचने को लेकर मुखर हो चुके हैं |ऐसे में विधानसभाध्यक्ष का दायित्व है कि मा. सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा कायम रखें | नेगी ने कहा कि 26 मई 2022 को रुड़की निवासी श्री पनियाला ने विधानसभाध्यक्ष के समक्ष विधायक उमेश कुमार द्वारा दल- बदल किए जाने के मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर याचिका दायर की थी, जिसमें उल्लेख किया गया था कि उक्त विधायक द्वारा निर्दलीय रूप से विधायक चुने जाने के उपरांत पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने और अपनी क्षेत्रीय पार्टी बनाकर दल -बदल कानून का उल्लंघन किया है, जिसके चलते ये दल- बदल कानून की परिधि में आ गए हैं तथा इनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए | इसके साथ-साथ जन संघर्ष मोर्चा द्वारा भी विधानसभाध्यक्ष से कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन तीन साल से अधिक समय हो गया है, इतने लंबे अंतराल के उपरांत भी विधानसभाध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी द्वारा कोई कार्रवाई न करना निश्चित तौर पर बहुत बड़ी मिली भगत /किसी भय की आशंका की तरफ इशारा करती है ! आखिर विधानसभाध्यक्ष को किस बात का डर सता रहा है ! वे निर्णय लेने से क्यों डर रही हैं ! इस मिलीभगत का राज क्या है ! अगर ऊपर से कोई दबाव है तो क्यों इस्तीफा नहीं दे देतीं ! नेगी ने कहा कि सदस्यता रद्द करने/ निर्णय लेने के मामले में कार्रवाई न करना निश्चित तौर पर दुर्भाग्यपूर्ण है | विधानसभाध्यक्ष को चाहिए कि इस मामले में निर्णय लें ,निर्णय चाहे कुछ भी हो, लेकिन हर हालत में निर्णय लिया जाना चाहिए | लगभग तीन साल बाद विधानसभाध्यक्ष द्वारा पत्रावली को थोड़ा- बहुत आगे पीछे सरकाया गया है | ‌‌मोर्चा विधानसभाध्यक्ष के इस गैर जिम्मेदाराना एवं संवैधानिक मूल्यों को तार- तार करने के मामले में इस्तीफे की मांग करता है |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *