*सच्चर आयोग की रिपोर्ट का सच! समझिये।*ओवैसी हर सभा में सच्चर आयोग रिपोर्ट की मांग करता है.
*सच्चर आयोग की रिपोर्ट का सच! समझिये।*ओवैसी हर सभा में सच्चर आयोग रिपोर्ट की मांग करता है.
*सच्चर आयोग क्या है जरा विस्तार से समझिये।*ओवैसी हर सभा में सच्चर आयोग रिपोर्ट को लागू करने की मांग बार-बार क्यों करता है?
क्या किसी ने कभी इसके पीछे की वजह के बारे में गहराई से सोचा है?
कितने लोगों को पता है कि अगर भाजपा ने इसका विरोध नहीं किया होता, तो सच्चर आयोग की रिपोर्ट पहले ही लागू हो चुकी होती?
सच्चर आयोग क्या है?
“अगर एक मुस्लिम एक वोट डाले, तो उसे दो वोटों के बराबर माना जाए” — यही सच्चर आयोग की मांग का सार है!
सच्चर आयोग क्या है, जिसे 2005 में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की सरकार ने शुरू किया?
2005 में सोनिया गांधी ने भारत में मुसलमानों की आर्थिक स्थिति की समीक्षा के लिए सच्चर आयोग बनाने का आदेश दिया।
सीधे शब्दों में कहें तो, कांग्रेस ने 2005 में सच्चर आयोग की स्थापना भारत को तालिबान जैसा राज्य बनाने के लिए की!
सोनिया गांधी के निर्देश पर सच्चर आयोग ने एक फर्जी रिपोर्ट पेश की, जिसमें यह झूठा दावा किया गया कि भारत में मुसलमानों की हालत दलितों और आदिवासियों से भी खराब है।
इसके बाद आयोग ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मुसलमानों की स्थिति सुधारने के लिए 10 प्रमुख सिफारिशें दीं।
ये हैं वे 10 मुख्य मांगें:
1. मुसलमानों को उनकी आबादी के अनुसार दोहरे अधिकार दिए जाएं — यानी अगर एक मुसलमान एक वोट डाले, तो उसे दो वोटों के बराबर गिना जाए।
2. मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण का पूरा लाभ मिले, और एससी-एसटी कोटे में भी हिस्सा मिले।
3. अगर कोई मुसलमान किसी बैंक से ऋण लेता है, तो उसका आधा ऋण केंद्र और राज्य सरकार चुकाएं, और भारत के कुल बजट का 20% मुसलमानों के लिए आरक्षित किया जाए।
4. मुसलमानों को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के तहत मुफ्त शिक्षा मिले — IIT, IIM, और MBBS जैसे क्षेत्रों में भी।
5. मदरसे की डिग्री को IAS, IPS, PCS और जज की नियुक्ति के लिए मान्यता दी जाए।
6. लोकसभा की 30% और हर राज्य की विधानसभा की 40% सीटें मुसलमानों के लिए आरक्षित की जाएं।
7. सभी राज्य सरकार के बोर्डों, निगमों और सरकारी नौकरियों में 50% सीटें मुसलमानों के लिए आरक्षित की जाएं।
8. हर राज्य में मुसलमानों के लिए विशेष औद्योगिक क्षेत्र हों — मुफ्त बिजली, मुफ्त जमीन, और ब्याज मुक्त ऋण के साथ।
9. मुस्लिम लड़कियों को केंद्र सरकार से ₹5 लाख और राज्य सरकार से ₹2 लाख मिलें, और मुस्लिम लड़कों को स्वरोजगार के लिए ₹10 लाख दिए जाएं।
10. जिन गांवों, कस्बों, शहरों या जिलों में मुसलमानों की आबादी 25% से अधिक हो, वहां केवल मुस्लिम उम्मीदवारों के लिए ही चुनाव क्षेत्र आरक्षित किए जाएं।
इन सबकी पूरी जानकारी आपको Google और YouTube पर आसानी से मिल जाएगी!
भाजपा के कड़े विरोध के कारण सच्चर आयोग लागू नहीं हो सका। वरना एक हिंदू के वोट के मुकाबले दो मुस्लिम वोट गिने जाते और भारत की राजनीति व राष्ट्रीय संसाधन पूरी तरह से मुस्लिम समाज को सौंप दिए जाते।
कांग्रेस की इस खतरनाक हरकत को उजागर करना और फैलाना ज़रूरी है!
कृपया इस पोस्ट को 10 बार पढ़ें और 1 अरब हिंदुओं तक पहुंचाएं!
हमारे हिंदू भाइयों को कब जागरूकता आएगी…?
🤬😡🙏🚩