उत्तरकाशी टनल हादसा: क्या हैं वो 6 प्लान, जिससे बचेगी 41 मजदूरों की जान; जानें अब तक क्या-क्या हुआ!
उत्तरकाशी टनल हादसा: क्या हैं वो 6 प्लान, जिससे बचेगी 41 मजदूरों की जान; जानें अब तक क्या-क्या हुआ!
अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भरोसा जताया है कि उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए 6 प्लान पर काम किया जा रहा है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि वो 6 प्लान क्या हैं और अब तक क्या-क्या हुआ है?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. आज इस ऑपरेशन का 9वां दिन है. अब तक मजदूरों को बाहर निकालने में कोई कामयाबी नहीं मिली है. उत्तरकाशी में ऑल वेदर रोड पर टूटी निर्माणाधीन टनल के अंदर 12 नवंबर से 41 मजदूर फंसे हुए हैं. इन मजदूरों को निकालने के लिए अब तो जो भी प्लान और ऑपरेशन किए गए हैं वो कंपलीट नहीं हुए हैं. यहां पर सबसे बड़ी चुनौती उस मलबे से निपटने की है, जो रूक-रूककर सुरंग के अंदर गिर रहा है. अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भरोसा जताया है कि मजदूरों को बचाने के लिए 6 प्लान पर काम किया जा रहा है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि वो 6 प्लान क्या हैं?
प्लान नंबर- 1
900 MM का पाइप ड्रिल करना.
सुरंग के आकार का रास्ता बनाना.
सुरंग की छत को मजबूत करना.
प्लान नंबर- 2
पहाड़ की चोटी से ड्रिलिंग.
मलबे के पीछे रास्ता तैयार करना.
आपूर्ति लाइन के लिए रास्ता.
प्लान नंबर- 3
सुरंग के दाईं ओर से ड्रिलिंग.
सुरंग के ऊपर से नीचे की ओर ड्रिलिंग.
मलबे के पीछे नया रास्ता बनाना.
प्लान नंबर- 4
सुरंग की बाईं ओर से सीधी ड्रिलिंग.
मलबे के पीछे एक और रास्ता बनाना.
प्लान नंबर- 5
एंट्री प्वाइंट से खुदाई में तेजी लाना.
450 मीटर के इलाके पर ध्यान केंद्रित रखना.
प्लान नंबर- 6
मलबे-चट्टानों के बीच आपूर्ति लाइन.
माइक्रो-ड्रोन कैमरों की मदद.
पहाड़ की चोटी से आपूर्ति लाइन डालना.
उत्तरकाशी टनल धंसने वाले दिन से अबतक क्या हुआ?
12 नवंबर- टनल धंसी. टनल में 41 मजदूर फंसे. रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू. मजदूरों तक खाना-पानी पहुंचाया.
13 नवंबर- मलबे को रोकने के लिए कंक्रीट लगाया गया. 25 मीटर तक मिट्टी हटाई.
14 नवंबर- छोटी मशीन से मलबे में ड्रिल किया गया. स्टील पाइप से रेस्क्यू प्लान बना.
15 नवंबर- ऑगर ड्रिलिंग मशीन टनल में पहुंची. दिल्ली से ऑगर मशीन के पार्ट्स मंगवाए.
16 नवंबर- ड्रिल के जरिए पाइप मलबे में डाला गया. हाई कैपेसिटी की अमेरिकी मशीन मंगवाई.
17 नवंबर- फंसे लोगों को निकालने के लिए सर्वे. मशीन के अंदर दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई.
18 नवंबर- इंदौर से एयरलिफ्ट की गई नई ऑगर मशीन. ड्रिलिंग के दौरान फिर मलबा गिरा.
19 नवंबर- टनल के ऊपर से ड्रिलिंग करने की कोशिश. NDRF, SDRF और BRO ने मोर्चा संभाला.
कॉपी पेस्ट विद थैंक्स
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट।
अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भरोसा जताया है कि उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए 6 प्लान पर काम किया जा रहा है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि वो 6 प्लान क्या हैं और अब तक क्या-क्या हुआ है?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. आज इस ऑपरेशन का 9वां दिन है. अब तक मजदूरों को बाहर निकालने में कोई कामयाबी नहीं मिली है. उत्तरकाशी में ऑल वेदर रोड पर टूटी निर्माणाधीन टनल के अंदर 12 नवंबर से 41 मजदूर फंसे हुए हैं. इन मजदूरों को निकालने के लिए अब तो जो भी प्लान और ऑपरेशन किए गए हैं वो कंपलीट नहीं हुए हैं. यहां पर सबसे बड़ी चुनौती उस मलबे से निपटने की है, जो रूक-रूककर सुरंग के अंदर गिर रहा है. अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भरोसा जताया है कि मजदूरों को बचाने के लिए 6 प्लान पर काम किया जा रहा है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि वो 6 प्लान क्या हैं?
प्लान नंबर- 1
900 MM का पाइप ड्रिल करना.
सुरंग के आकार का रास्ता बनाना.
सुरंग की छत को मजबूत करना.
प्लान नंबर- 2
पहाड़ की चोटी से ड्रिलिंग.
मलबे के पीछे रास्ता तैयार करना.
आपूर्ति लाइन के लिए रास्ता.
प्लान नंबर- 3
सुरंग के दाईं ओर से ड्रिलिंग.
सुरंग के ऊपर से नीचे की ओर ड्रिलिंग.
मलबे के पीछे नया रास्ता बनाना.
प्लान नंबर- 4
सुरंग की बाईं ओर से सीधी ड्रिलिंग.
मलबे के पीछे एक और रास्ता बनाना.
प्लान नंबर- 5
एंट्री प्वाइंट से खुदाई में तेजी लाना.
450 मीटर के इलाके पर ध्यान केंद्रित रखना.
प्लान नंबर- 6
मलबे-चट्टानों के बीच आपूर्ति लाइन.
माइक्रो-ड्रोन कैमरों की मदद.
पहाड़ की चोटी से आपूर्ति लाइन डालना.
उत्तरकाशी टनल धंसने वाले दिन से अबतक क्या हुआ?
12 नवंबर- टनल धंसी. टनल में 41 मजदूर फंसे. रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू. मजदूरों तक खाना-पानी पहुंचाया.
13 नवंबर- मलबे को रोकने के लिए कंक्रीट लगाया गया. 25 मीटर तक मिट्टी हटाई.
14 नवंबर- छोटी मशीन से मलबे में ड्रिल किया गया. स्टील पाइप से रेस्क्यू प्लान बना.
15 नवंबर- ऑगर ड्रिलिंग मशीन टनल में पहुंची. दिल्ली से ऑगर मशीन के पार्ट्स मंगवाए.
16 नवंबर- ड्रिल के जरिए पाइप मलबे में डाला गया. हाई कैपेसिटी की अमेरिकी मशीन मंगवाई.
17 नवंबर- फंसे लोगों को निकालने के लिए सर्वे. मशीन के अंदर दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई.
18 नवंबर- इंदौर से एयरलिफ्ट की गई नई ऑगर मशीन. ड्रिलिंग के दौरान फिर मलबा गिरा.
19 नवंबर- टनल के ऊपर से ड्रिलिंग करने की कोशिश. NDRF, SDRF और BRO ने मोर्चा संभाला.
कॉपी पेस्ट विद थैंक्स
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट।