शिमला- 3 साल बाद लाहौल के भम्रण पर निकले राजा घेपन, घाटी के अंतिम गांव तक जाएंगे, बांधेंगे रक्षा घेरा!
शिमला- 3 साल बाद लाहौल के भम्रण पर निकले राजा घेपन, घाटी के अंतिम गांव तक जाएंगे, बांधेंगे रक्षा घेरा!
रविवार को गुनचलिंग में देव मिलन देखने के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. बताते चले कि तीन साल पहले कोविड के चलते देव यात्रा को बीच में ही स्थागित करना पड़ा था. इस मर्तबा क़रीब दो महीने चलने वाले यह यात्रा लाहौल के अंतिम गांव तक पहुंचेगी.
केलांग. हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी के आराध्य राजा घेपन करीब तीन साल के बाद घाटी के लोगों का दुःख सुख को जानने के लिए निकले हैं. रविवार को वह अपने निवास स्थान से निकल कर आठ देवताओ के मिलन स्थल घुमचलिंग पहुंचे. यहां पर लाहौल की परिक्रमा करने निकले घाटी के आराध्य देव राजा घेपन और देवी भोटी सहित करीब आठ देवताओं का महा मिलन हुआ. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.
गुनचलिंग में आयोजित देव समारोह में लाहुल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने शिरकत. इस दौरान उन्होंने राजा घेपन, देवी भोटी, मिनग टेटे, देवता नाग राज, द्रावला, नुनकरबल, फेला मोगर और शलबर सहित 8 देवताओं के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया. उन्होंने सभी देवी देवताओं से प्रार्थना की कि लाहुल स्पीति की समस्त जनता पर देवी-देवता अपना आशीर्वाद बनाए रखे और सभी के कष्ट हर लिए जाएं.
बता दें कि लाहौल की परिक्रमा करने निकले घाटी के आराध्य देव राजा घेपन इस दौरान गांव-गांव जाएंगे और एक सुरक्षा घेरा बांधेंगे. इस बीच विभिन्न जगहों पर ग्रामीणों ने राजा घेपन को आमंत्रित भी किया गया है. रविवार को गुनचलिंग में देव मिलन देखने के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. बताते चले कि तीन साल पहले कोविड के चलते देव यात्रा को बीच में ही स्थागित करना पड़ा था. इस मर्तबा क़रीब दो महीने चलने वाले यह यात्रा लाहौल के अंतिम गांव तक पहुंचेगी.
गौरतलब है कि लाहौल के सिस्सू गांव में राजा घेपन का मंदिर स्थित है. देवता राजा घेपन लाहौल स्पीति के सबसे बड़े देवता हैं. वे हर तीन साल बाद मंदिर से निकलते हैं. घाटी में रहने वाले अपने सभी श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. रथ यात्रा की ये परंपरा सदियों पुरानी है. बताते हैं कि घेपन ने घाटी में राक्षसों का नाश किया था, इसलिए यहां उन्हें यहां पूजा जाता है.
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आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए शिमला से ब्यूरो रिपोर्ट।