बिहार – जातीय जनगणना की रिपोर्ट आई सामने, अब क्या होगा CM नीतीश कुमार का अगला कदम?

बिहार – जातीय जनगणना की रिपोर्ट आई सामने, अब क्या होगा CM नीतीश कुमार का अगला कदम?
: जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि इस रिपोर्ट के आधार पर सभी वर्गों के विकास को लेकर काम होगा.

बिहार में जातीय जनगणना रिपोर्ट कार्ड जारी हो गया है जिसको लेकर सियासी मुद्दा भी गरमाने लगा है. इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार आंकड़ों को लेकर पार्टियों से चर्चा करेंगे और इसके बाद वो कोई अहम फैसला ले सकते हैं. बता दें कि बिहार में छोटी-बड़ी 234 जातियां है, लेकिन जातीय सर्वेक्षण में बड़ी जातियों की चर्चा की गई और इनकी संख्या 214 रखी गई, जबकि शेष जातियों के लिए अन्य शब्द इस्तेमाल किया गया. बिहार सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी अनुसूचित जाति, यादवों की आबादी 14 फीसदी और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है.

जातिगत जनगणना रिपोर्ट के बाद क्या होगा अगला कदम?

जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) 9 दलों के साथ मंगलवार को बैठक करेंगे और जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा. इस दौरान जारी जातीय गणना के आंकड़ों को लेकर चर्चा होगी. जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद नीतीश कुमार ने बताया कि इस रिपोर्ट के आधार पर सभी वर्गों के विकास को लेकर काम होगा. उन्होंने कहा, ‘जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है, बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी.’

बिहार की जनसंख्या में किस जाति का कितना प्रतिशत

वर्ग आंकड़ा प्रतिशत
अत्यंत पिछड़ा वर्ग 3,54,63936 36.0148
पिछड़ा वर्ग 3,54,63936 27.1286
अनुसूचित जाति 2,56,89,820 19.6518
अनारक्षित 2,02,91,679 15.5224
अनुसूचित जनजाति 21,99,361 1.6824
कुल 13,07,25,310 100%
9 दलों की सहमति से लिया गया था जातीय जनगणना का निर्णय

बता दें कि जाति आधारित गणना (Bihar Caste Census) के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी और 2 जून 2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी. इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है.

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आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट।

 

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