भारत कब और कैसे बना इंडिया, बहुत से लोगों को नहीं मालूम होगी ये कहानी!
भारत कब और कैसे बना इंडिया, बहुत से लोगों को नहीं मालूम होगी ये कहानी!
देश का नाम बदलने पर बहस छिड़ी है, संविधान में दर्ज ‘इंडिया दैट इज भारत’ को बदलकर केवल भारत करने की मांग उठ रही है. संविधान की अंग्रेजी प्रति में India नाम का इस्तेमाल हुआ है. संविधान की हिन्दी प्रति में ‘भारत’ का इस्तेमाल हुआ है. भारत का नाम इंडिया कैसे हो गया? आइए जानते हैं.
G-20 समिट के दौरान राष्ट्रपति भवन में आयोजित डिनर के निमंत्रण पत्र को लेकर छिड़े विवाद के बीच देशभर में भारत शब्द और उसके अर्थ की खूब चर्चा हो रही है. विपक्षी नेताओं का कहना है 9 सितंबर के G-20 डिनर के इन्विटेशन कार्ड में ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा है, जबकि इसपर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया लिखा होना चाहिए. ‘नाम में क्या रखा है?’ अब इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर ज्ञान की गंगा बह रही है, ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर भारत, इंडिया कैसे बन गया?
प्राचीनकाल से भारतभूमि के अलग-अलग नाम रहे हैं मसलन जम्बूद्वीप, आर्यावर्त, भारतखण्ड, हिमवर्ष, अजनाभवर्ष, भारतवर्ष, हिन्द, हिन्दुस्तान और इंडिया. मगर इनमें ‘भारत’ सबसे ज्यादा मान्य और पॉपुलर रहा है. नामकरण को लेकर कई धारणाएं और मतभेद भी भारत को लेकर ही हैं. भारत की वैविध्यपूर्ण संस्कृति की तरह अलग-अलग कालखण्डों में इसके अलग-अलग नाम मिलते हैं.
इतिहास समझने की जरूरत
‘भारत’ नाम की जड़ें प्राचीन हैं और इसका उपयोग भारतीय उपमहाद्वीप के बारे में बताने के लिए सदियों पहले से भारतीय ग्रंथों और जनश्रुतियों में किया जाता रहा है. भारत शब्द की उत्पत्ति के बारे में कहा जाता है कि महाराज भरत के नाम पर देश का नाम भारत पड़ा है. यानी यह महाभारत जैसे हिंदू महाकाव्यों में वर्णित महान सम्राट भरत से जुड़ा है. वहीं मध्य काल की बात करें तो उस दौर में तुर्क और ईरानी लोगों ने सिंधु घाटी से भारत में प्रवेश किया था. वो स का उच्चारण ह करते थे. इस थ्योरी के मुताबिक तुर्कों ने भारत भूभाग के लोगों को हिंदू कहा और इस तरह हिंदुओं के देश को हिंदुस्तान का नाम मिला है.
औपनिवेशिक प्रभाव
वहीं दूसरी थ्योरी ये है कि अंग्रेज भारत में आए उस समय देश को हिंदुस्तान कहा जाता था, बताया जाता था कि इस शब्द को बोलने में उन्हें परेशानी होती थी. इसलिए ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन (लगभग 1757-1947) के दौरान, अंग्रेज पूरे भारतीय उपमहाद्वीप को भारत कहते थे. हालांकि अंग्रेज कंपनी प्रशासन ने राजकाज की भाषा में आधिकारिक कामों के लिए नाम के रूप में ‘इंडिया’ का उपयोग किया.
स्वतंत्रता और संविधान
1947 में जब भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली, तो उसके सामने यह सवाल था कि नवगठित राष्ट्र के आधिकारिक नाम के रूप में कौन सा नाम अपनाया जाए. भारतीय संविधान के निर्माताओं ने इस विषय पर विचार-विमर्श किया. भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को देखते हुए, संविधान में ‘भारत’ और ‘इंडिया’ दोनों का उपयोग करने का निर्णय लिया गया. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में कहा गया है, ‘इंडिया, जो कि भारत है (India that is Bharat) , राज्यों का एक संघ होगा.’ इस समझौते ने दोनों नामों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को स्वीकार किया.
बीते कुछ सालों में, ‘इंडिया’ अधिक आम तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला नाम बन गया है, खासकर अंतरराष्ट्रीय संदर्भों में जहां इसे अधिक आसानी से पहचान मिली है. दूसरी ओर हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में ‘भारत’ का प्रयोग जारी रहा.
कॉपी पेस्ट विद थैंक्स
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट.