जैनों का गौरवशाली इतिहास और वर्तमान * जब महाराणा प्रताप मेवाड़ की रक्षा के लिये जूझ रहे थे।
जैनों का गौरवशाली इतिहास और वर्तमान *
जब महाराणा प्रताप मेवाड़ की रक्षा के लिये जूझ रहे थे।
जब मेवाड़ की रक्षा के लिये सेना को नये सिरे से तैयार करना था और मेवाड़ का खजाना खाली हो गया तथा महाराणा प्रताप अपने स्वाभिमान के लिये जब जंगलो में विचरण कर रहे थे तब जैन दानवीर “भामाशाह ” ने सारा खजाना मेवाड़ और हिन्दुत्व के लिये महाराणा को समर्पित कर दिया।
18 वी सदी में जब सरहिन्द के नवाब वजीर खां ने सिक्खो के दसवे धर्मगुरु गोविन्द सिंह के दोनो पुत्रों जोरावर सिंह,फतह सिंह की ईस्लाम स्वीकार न करने पर हत्या कर दी और उनके अंतिम संस्कार के लिये जमीन तक देने से इंकार कर दिया तब जैन टोडरमल जी ने चार गज जमीन देने के लिये अपनी सारी संपत्ति बेचकर नवाब को मनचाहे सोने के सिक्के दे दिये और धर्म के लिए बलिदान होने वाले वीरों का अंतिम संस्कार कराया….
भारत के स्वाधीनता संग्राम में जमना लाल बजाज,अर्जुन लाल सेठी जैसे दर्जनों सेनानियों ने तन मन धन समर्पित कर दिया.और आजादी के आंदोलन को नई दिशा दी….
इन्दौर के सर सेठ हुकुम चंद्र, अजमेर के सेठ भागचंद सोनी का ऐसा रुतबा था कि तत्कालीन सरकारे उनके कहने भर से अपने निर्णय बदल देती थी…
जिस समाज के शूरवीर ” अभिनंदन ” ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर अपनी जान की परवाह किये बिना पाकिस्तान पर हमला कर अपनी भारत मां का मस्तक ऊंचा कर दिया…
दक्षिण भारत में धर्माधिकारी के रुप में विख्यात वीरेन्द्र हेगड़े( राज्य सभा सदस्य ) व उत्तर भारत में आर के मार्बल के अशोक पाटनी का नाम कौन नहीं जानता..ये दोनो जैन समाज के आधुनिक भामाशाह है….
जिस समाज (0.35% आबादी वाला ) से देश को लगभग 24% आयकर मिलता हो…जो समाज देश में 12 हजार गौ शालाएं संचालित करता हो…जिस समाज के धर्म, संस्कृति और,स्थापत्य कला के संरक्षण में 50 हजार मंदिर और तीर्थ बनाकर लाखो देशवासियों को रोजगार दिया…आज उसी समाज से पहले तो गिरनार ( जहां से भगवान कृष्ण के चचेरे भाई और जैन धर्म के 22 वें तीर्थंकर नेमीनाथ भगवान मोक्ष गये ) छीन लिया जाता है और अब उसी समाज के सबसे पावन शाश्वत तीर्थ “सम्मेद शिखर”को पर्यटन स्थल के नाम पर अपवित्र कर हड़पने का प्रयास किया जा रहा है। पांच दिन से दिल्ली में आमरण अनशन जारी है,देश भर में जैनियों का अहिंसक और शांतिप्रिय आंदोलन जारी है पर सरकारे ,नेता,पार्टियां,मीडिया और अजैन संगठन खामोश तमाशा देख रहे है। जैनी आज अपने ही देश में न्याय के लिए संघर्ष कर रहा है। जिसने कभी किसी का कुछ छीना नहीं,किसी का कुछ लिया नहीं बस दिया ही दिया है, वह सिर्फ अपनी ही धरोहर की रक्षा की गारंटी मांग रहा है,और उसके लिये भी सरकार मौन होकर तमाशा देख रही है।
उम्मीद है नया साल 2023 …. हमें अवश्य न्याय दिलायेगा। आपके समर्थन व सहयोग की उम्मीद है।
कॉपी पेस्ट न्याय हो सबका एक मत है इस के लिए सब को एक साथ आना भी पड़े तो सौभाग्ये होगा।
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट।