अल्ट्रासाउंड निर्देशित रीजनल एनेस्थीसिया- एम्स ऋषिकेश!
अल्ट्रासाउंड निर्देशित रीजनल एनेस्थीसिया- एम्स ऋषिकेश!
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के तत्वावधान में अल्ट्रासाउंड निर्देशित रीजनल एनेस्थीसिया (शरीर के जिस भाग में उपचार किया जाना हो,उसी हिस्से की नसों को सुन्न करना) विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें एनेस्थिसियोलॉजी के विद्यार्थियों|ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि संस्थान में ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन निरंतर होना चाहिए जिससे कि चिकित्सक व विद्यार्थी अपने कार्य में और अधिक दक्षता हासिल कर सकें और इसका लाभ आम जनता व रोगियों को मिल सके। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत जी ने कोरोनाकाल के चलते किसी भी तरह की कार्यशालाओं अथवा सार्वजनिक आयोजनों में कोविड नियमों का पालन अनिवार्यरूप से सुनिश्चित करने की सलाह दी है,जिससे कोई भी व्यक्ति कोविड संक्रमण से प्रभावित नहीं हो ।
एनेस्थीसिया विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता जी ने विभिन्न चिकित्सा विशिष्टताओं में अल्ट्रासाउंड तकनीक के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला, साथ ही उन्होंने इस तकनीक को किसी भी बीमारी के निस्तारण की चिकित्सा प्रक्रिया में इस प्रणाली की अहम भूमिका बताई।
बताया गया कि अल्ट्रासाउंड तकनीक का उपयोग करते हुए शरीर के विभिन्न अंगों के रीजनल एनेस्थीसिया के भिन्न -भिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है। बताया गया कि यह विभिन्न सर्जरी के लिए एनेस्थीसिया और पोस्ट-ऑपरेटिव एनाल्जेसिया (सर्जरी के बाद का दर्द प्रबंधन) प्रदान करने में मदद करेगा।
कार्यशाला में आयोजन समिति के अध्यक्ष व एनेस्थेसियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर संजय अग्रवाल, आयोजन संयोजक एडिसनल प्रोफेसर डॉ. डी. के. त्रिपाठी, आयोजन सचिव एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रवीण तलावर, आयोजन सहसचिव एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजीत कुमार व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मृदुल धर के अलावा गेस्ट फैकल्टी एम्स, नई दिल्ली के डॉ. बिकास रे, डॉ. पुनीत खन्ना, डॉ. देवेश भोई, एम्स पटना से डॉ. अजीत कुमार, एनेस्थेसियोलॉजी एवं इमरजेंसी विभाग के सभी फैकल्टी मेम्बर्स ने प्रतिभाग किया ।
आईडिया फॉर न्यूज़ के लिए ऋषिकेश से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट।