प्रयागराज-इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला!
प्रयागराज-इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला,
मां की कस्टडी में रह रहे बच्चे के लिए प्रत्यक्षीकरण याचिका पोषणीय नहीं,
बच्चे को मां की अभिरक्षा से लेने के लिए दाखिल की गई थी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका,
कोर्ट ने कहा याचिका तभी पोषणीय होगी जब बच्चा विधिक रूप से हकदार व्यक्ति के कस्टडी में न हो,
कोर्ट ने रक्षित पाण्डेय (अवयस्क) की ओर से उसके पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की खारिज,
साढ़े चार साल का बच्चा अपनी माँ के साथ अपने नाना- नानी के घर रह रहा था,
बच्चे के पिता व मां में वैवाहिक विवाद कोर्ट में चल रहा है,
मां ने तलाक का मुकदमा आजमगढ़ के परिवार न्यायालय में दायर कर रखा है,
जबकि पिता ने भी कानपुर में धारा 9 हिन्दू मैरेज एक्ट के तहत केस कर रखा है,
पिता चाहता था कि बच्चे को उससे मिलने की हाईकोर्ट इजाजत दे,
दोनों की शादी फरवरी 2014 में हुई थी,
जून 2016 में दोनों से एक बेटा पैदा हुआ,
उसके कुछ ही समय बाद विवाद के चलते मां अक्टूबर 2016 से बच्चे को लेकर अपने मायके आकर रहने लगी,
जस्टिस डा वाई के श्रीवास्तव की एकल पीठ ने खारिज की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका।
बाईट:- एस एम नसीम,एडवोकेट
आईडिया फॉर न्यूज़ के लिए लखनऊ से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट