ब्रहमाकुमारी राजयोगिनी संतोष दीदी का देहरादून आने पर स्वागत !
प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईष्वरीय विष्व विद्यालय सुभाशनगर की मुख्य षाखा पर माउंट आबू से पधारी ब्रहमाकुमारी राजयोगिनी संतोष दीदी जी (जोन इन्चार्ज महारास्ट्रीय तेलगाना आन्ध्रप्रदेष जोन आफ ब्रहमाकुमारीज) ने राजयोग द्वारा खुषनुमा जीवन कैसे जीये, इस विशय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हरेक मनुश्य जीवन में खुशी प्राप्त करना चाहता है। राजयोग यह सिखाता है कि खुश कैसे रहा जाये हमारा परिवार व समाज किस प्रकार खुष रहे। स्थूल संसाधनों से हम खुषी प्राप्त नहीं कर सकते।साधनों से अल्पकाल के लिए खुशी प्राप्त हो सकती है। आज मनुश्य अपने दुखों से दुखी नही है वह दुसरो के सुखों से दुखी है। जब मनुश्य अपने जीवन की तुलना दूसरो से करता है तो वह दुखी हो जाता है। हीनभावना अहंकार विशय विकार मनुश्य की खुषी गायब करते है हमारे पूर्वज दैवी देवता है उनके चेहरे देखकर भक्त लोग खुष हो जाते है। अगर आप हमारे इस विष्व विद्यालय को ज्वाईन करते हो तो आप खुश रह सकते हो क्योंकि यहां जो षिक्षा दी जाती है वह हमारे द्वारा नहीं दी जाती है। यहां शिक्षा स्वयं परमपिता परमात्मा द्वारा डायरेक्ट दी जाती है। खुशी दिव्य गुणों के कारण ही आती है, वह गुण बाटने से आती है मांगने से ख़ुशी कभी नहीं आती। खुष रहने के लिए हमें अपनी इच्छाओ का त्याग करना पडेगा। इन इच्छाओ के कारण ही आत्माए जगह-जगह भटक रही है कल की चिन्ताओं के कारण भी मनुश्य दुखी रहता है वर्तमान में खुश रहना सीखें। परमात्मा ने हमे बताया कि सबसे बडा खजाना है खुशी का। खुष रहना है तो खुशी बाटंनी भी होगी।
इस अवसर पर बहन अलखनन्दा अशोक जी (निदेषक- महिला इन्सीट्यूट आफ टैक्नोलोजी देहरादून ) भी मंचासीन रही । इनके साथ-साथ बहन ज्योति नन्दवानी जी भी मंचासीन रही।
इस अवसर पर ब्रहमाकुमारी मंजू दीदी मीना दीदी रमा दीदी माला दीदी इत्यादि भी उपस्थित थे।
देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /