आईएमए की पासिंग आउट परेड में 373 जेंटलमैन कैडेट्स पासआउट, जानें इस बार क्या है खास!
आईएमए की पासिंग आउट परेड में 373 जेंटलमैन कैडेट्स पासआउट, जानें इस बार क्या है खास!
देहरादून में इस पासिंग आउट परेड में 7 मित्र देशों के 42 कैडेट्स भी पासआउट होंगे. इस बार की पासिंग आउट परेड में बतौर निरीक्षण अधिकारी सैन्य प्रमुख मनोज पांडे शामिल होंगे
देहरादून. शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड हुई . एक बार फिर 373 कैडेट्स सैन्य अधिकारी बनकर निकलें जिनमें 7 मित्र देशों के 42 जेन्टलमैन कैडेट्स भी शामिल हैं.
देश सेवा के लिए एक बार फिर जेन्टलमैन कैडेट्स अधिकारी बनने के लिए तैयार हैं. 10 जून को सेना प्रमुख मनोज पांडेय की मौजूदगी में 373 जेन्टलमैन कैडेट्स पास आउट हुए जिसमें 7 मित्र देशों के 42 जेंटलमैन कैडेट भी बतौर अधिकारी अपने-अपने देश की सेना का हिस्सा बनेंगे.
पासिंग आउट परेड को लेकर आईएमए की ओर से तैयारियां पूरी थी एक अक्तूबर 1932 को अस्तित्व में आये भारतीय सैन्य अकादमी ने पिछले 91 सालों में 64 हजार 489 जेंटलमैन कैडेटस को अधिकारी बनाकर तैयार किया है, जिसमें 36 मित्र देशों के 2 हजार 843 कैडेट्स भी शामिल रहे हैं. इस बार की पासिंग आउट परेड में बतौर निरीक्षण अधिकारी सैन्य प्रमुख मनोज पांडे शामिल होंगे और खास बात होगी की पासिंग आउट परेड में इस बार घोड़ा-बग्घी नहीं दिखाई देगी.
दरअसल अब तक निरीक्षण अधिकारी चार घोड़ों वाली बग्घी जिसे पटियाला कोच भी कहा जाता है, उसी में परेड मैदान में पहुंचते थे. पटियाला के पूर्व महाराज ने यह बग्घी 1969 में आइएमए को दी थी, इसके अलावा जयपुर के पूर्व महाराज की ओर से दी गई जयपुर कोच, विक्टोरिया कोच और कमान्डेंट्स फ्लैग कोच भी चलन में रहे है लेकिन, अब रक्षा मंत्रालय के आदेश के बाद भारतीय सेना ने ब्रिटिश काल की प्रथाओं और परम्पराओं को हटाने का फैसला लिया है. इसमें बग्घी, पाइप बैंड हटा दिये गये हैं. ऐसे में इस बार की पासिंग आउट परेड कई मायनों में खास होने जा रही है.
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट।