वित्तमंत्री ने बैंकर्स की बैठक में किसानो की आय बढाने पर दिया जोर!

वित्तमंत्री ने बैंकर्स की बैठक में किसानो की आय बढाने पर दिया जोर!

वित्तमंत्री श्री प्रकाश पंत ने शुक्रवार को एक स्थानीय होटल में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उत्तराखंड की 62वीं बैठक का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपने सम्बोधन में वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थ का अभाव और अर्थ का प्रभाव दोनों से समाज दूषित होता है। इसलिए आर्थायाम की जरूरत है। अर्थात दोनों में संतुलन, समन्वय बना रहे। उन्होंने 2020 तक किसानों की आय दोगुना करने के राज्य सरकार के संकल्प को दोहराया। कहा कि इसके लिये सरकार का प्रयास है कि किसानों को समय से बीज, खाद, दवायें मिले। उनकी उपज का बाजार मूल्य मिले। फसल की बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध हो। इसके साथ ही सरकार दो प्रतिशत ब्याज पर फसली ऋण देने पर भी विचार कर रही है। राज्य सरकार के इस संकल्प की सिद्धि बैंकों के सहयोग से ही संभव है। उन्होंने बैंकर्स का आहवान किया कि ऋण-जमा अनुपात बढ़ायें।

वित्त सचिव श्री अमित नेगी ने बताया कि बैंकों द्वारा भूमि अभिलेखों पर आॅनलाईन प्रभार अंकित करने सम्बंधी शासनादेश जारी हो गया है। वसूली प्रमाण पत्र की आॅनलाईन फाईलिंग का साफ्टवेयर एनआईसी ने विकसित कर लिया है। सिक्योरिटी आॅडिट की प्रक्रिया के बाद 15 दिन में इसे शुरू कर दिया जायेगा। ऋण वसूली के सम्बंध में उन्होंने बताया कि बैंकों ने ऋण समाधान योजना शुरू किया है। इसका लाभ उठाकर एकमुश्त समाधान किया जा सकता है। इस सम्बंध में सभी बैंक 10 सितम्बर 2017 तक अपना डेटा डिजिटाइज्ड कर देंगे।

बैठक में मुख्य महाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक श्री आलोक कुमार चैधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के जून, 2017 त्रैमास की समाप्ति पर राज्य का ऋण-जमा अनुपात 54 प्रतिशत है। वार्षिक ऋण योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए निर्धारित रू.18468.80 करोड़ के सापेक्ष बैंकों द्वारा रू.3497.70 करोड़ की उपलब्धि दर्ज की गयी है, जो कि लक्ष्य का 19 प्रतिशत है तथा भारतीय रिजर्व बैंक के प्रथम त्रैमास हेतु निर्धारित मानक 15 प्रतिशत से 4 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में सभी बैंकों द्वारा जून 2017 तक राज्य में कृषि क्षेत्र में रू.14.37 करोड़ के ऋण वितरित किए गए हैं। साथ ही एमएसएमई सेक्टर के अंतर्गत 3,21,129 इकाईयों को रू.15,259 करोड़ के ऋण वितरित किए गए हैं, जिसमें मार्च 2017 त्रैमास की तुलना में रू.102 करोड़ की प्रगति दर्ज की गयी है। बैंकों द्वारा सदन को आश्वस्त किया गया कि कृषि एवं एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने हेतु इन सेक्टर के अंतर्गत अधिक से अधिक ऋण वितरित किए जाएंगे। 

उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा धन-शोधन निवारण(अभिलेखों का अनुरक्षण) नियम, 2005(पीएमएल नियम 2005) में संशोधन कर दिनांक 01 जून 2017 से सभी बैंक खातों के लिए आधार आवश्यक कर दिया गया है। इस क्रम में बैंकों द्वारा सभी मौजूद बैंक खातों को 31 दिसम्बर 2017 तक आधार के साथ सत्यापित किया जाना है, ऐसा न करने पर खाते निष्क्रिय हो जाएंगे। सभी बैंकों को निर्देशित किया गया कि वे अपने खाताधाारकों को इस विषय में जागरूक करते हुए समस्त खातों में आधार सीडिंग के कार्य को 31 दिसम्बर 2017 तक अनिवार्य रूप से पूर्ण करें। बैंकिंग सुविधा प्रदान करने हेतु कनेक्टिविटी रहित 794 एसएसए में से बैंकों द्वारा 743 एसएसए के लिए वी.-सैट के आर्डर प्रेषित कर दिए गए हैं, जिनमें से 401 एसएसए में वी.सैट स्थापित करने के कार्य को पूर्ण कर लिया गया है। दिनांक 30 सितम्बर 2017 तक बैंकों को शेष बचे स्थानों पर वी.सैट स्थापित करने हेतु निर्देशित किया गया।

आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *