15 मई को सुबह ब्रह्ममुहूर्त पर भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने है।
15 मई को सुबह ब्रह्ममुहूर्त पर भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने है।
उत्तराखंड स्लग =शंकराचार्य गद्दी रवाना 15 मई को सुबह ब्रह्ममुहूर्त पर भगवान बदरीनाथ के कपाट खुलने है। आज जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर,नवदुर्गा सहित अन्य मंदिर में बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल द्वारा विशेष पूजा अर्चना की गयी।नृसिंह मंदिर के महिलाओं द्वारा भगवान बदरीनाथ धाम की स्तुति और मंगल गीत गाये गये।और फूल वर्षा की गई ।नृसिंह मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पंच पूजा की गई।और भगवान बद्री विशाल से देश की खुशहाली समृद्धि सहित पूरे विश्व को कोरोना मुक्त करने की प्राथर्ना की गई । गाडू घड़ा और आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी की पूजा अर्चना की गई। रावल के अगुवाई में आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा पांडुकेश्वर रवाना हो गया है।पांडुकेश्वर योग ध्यान बद्री मंदिर में भी पूजा अर्चना की गई। 14 मई को पांडुकेश्वर से भगवान बदरीनाथ की उत्सवमूर्ति उद्धव जी और कुबेर की की मूर्ति बदरीनाथ धाम रवाना बाईट =भुवन चन्द्र उनियाल धर्माधिकारी बदरीनाथ धाम
आइडिया फ़ॉर न्यूज़ के लिए जोशीमठ से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट।