लाख लोगों को रोजगार का दावा झूठा, सरकार श्वेत पत्र करे जारी- मोर्चा
9 लाख लोगों को रोजगार का दावा झूठा, सरकार श्वेत पत्र करे जारी- मोर्चा
#किन लोगों को किस क्षेत्र में रोजगार दिया, जनता को पता तो चले ! #प्रति व्यक्ति आय का दावा भी सच से कोसों दूर ! #बेरोजगार खा रहे दर-दर की ठोकरें! #कहीं घंटा घर वाले दिहाड़ी मजदूर तो नहीं जोड़ लिए आंकड़ों में ! विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि 10-12 दिन पहले सरकार ने दावा किया था कि विगत 2 वर्षों में 9.31 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है, जोकि सच से कोसों दूर है तथा इस मामले में सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए | नेगी ने कहा कि सरकार बताए कि किस क्षेत्र में किन लोगों को रोजगार दिया गया ! प्रतीत होता है कि सरकार द्वारा घंटाघर वाले दिहाड़ी मजदूर भी इसमें जोड़ दिए गए हैं ! नेगी ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि जहां एक और प्रदेश में लगातार मंदी के चलते फैक्ट्रियां बंद हो रही है तथा कई बंद होने के कगार पर हैं, ऐसे में यह दावा बिल्कुल झूठ का पुलिंदा है | आलम यह है कि इन औद्योगिक इकाइयों में युवाओं को अधिकांश ठेका प्रथा के माध्यम से ही रोजगार मिलता है वो भी महीने में 10-12 दिन ! स्थायित्व की बात तो बहुत दूर की रही | सरकार को बंद हो रही फैक्टरीज तथा बंद होने के कगार पर खड़ी फैक्टरीज की मॉनीटरिंग भी करानी चाहिए | इसी प्रकार सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति आय में भी इजाफ़े की बात कही गई है तथा उल्लेख किया गया कि वर्ष 2024- 25 में ये आय बढ़कर 2.75 लाख प्रति व्यक्ति हो गई है | ऐसे समय में जब कृषि/ औद्योगिक विकास/ रोजगार पशु -मत्स्य पालन आदि क्षेत्रों में लगातार गिरावट जारी है तो फिर प्रति व्यक्ति आय कैसे बढ़ गई !अगर आंकड़ों की बात करें तो आज शिक्षित व उच्च शिक्षित युवा बेरोजगार 7- 8 हजार की नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, ऐसे में सरकार द्वारा कौन सा रोजगार दिया गया, सोचनीय विषय है | हैरान करने वाली बात यह है कि समाचार पत्र भी बगैर पुष्ट दस्तावेजों के सरकार के इसारे पर कुछ भी छाप देते हैं, जबकि सही तथ्य दिखाने में समाचार पत्रों को नागवार गुजरती है | पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह मौजूद थे |