मोरक्को में तबाही के लिए अमेरिका पर शक, क्या है अजीबोगरीब रोशनी का सच!

मोरक्को में तबाही के लिए अमेरिका पर शक, क्या है अजीबोगरीब रोशनी का सच!

मोरक्को में भूकंप से पहले लोगों ने दावा किया है कि अजीबोगरीब रोशनी नजर आई. उस रोशनी के पीछे कौन जिम्मेदार था. क्या कोई प्रयोग किया जा रहा था या सिर्फ वहम है. इन सबके बीच कुछ जानकार अमेरिका शक भरी नजरों से देख रहे हैं.

दुनिया के अलग अलग हिस्सों में करीब 10 हजार भूकंप हर रोज दस्तक देते हैं हालांकि ज्यादातर भूकंप समंदर में काफी गहराई में होते हैं लिहाजा उसका असर नजर नहीं आता. इन सबके बीच मोरक्को में आया जलजला चर्चा के केंद्र में है. अब तक करीब तीन हजार लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों की संख्या में लोग बेघर हैं. भूकंप का केंद्र एटलस पर्वत बताया गया लेकिन अब जो जानकारी सामने आई है वो हैरान करने वाली है. सवाल यह उठ रहा है कि भूंकप के पीछे वजह प्राकृतिक है या कृत्रिम. दरअसल अफ्रीकी देश मोरक्को में आए भूकंप के पीछे शक अमेरिका पर जताया जा रहा है क्योंकि जलजले से ठीक पहले अजीबोगरीब रोशनी देखी गई थी.

जानकार बताते हैं कि मोरक्को में भूकंप का आना नई बात नहीं है लेकिन इस दफा जो भूकंप आया है उसके पीछे प्राकृतिक वजह कम नजर आ रही है.इस तरह का शक जताया जा रहा है कि इसके पीछे किसी हाईटेक लैब में प्रयोग किया गया और उसका असर मोरक्को में नजर आया. कुछ जानकार अमेरिकी के सैन्य कार्यक्रम हार्प को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

हार्प, अलास्का में एक ऑब्जर्वेटरी है जिसमें रेडियो सिग्नल्स के जरिए आयनोस्फीयर का अध्ययन किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट का मकसद मौसम की बारीकियों को समझ कर पूर्वानुमान जताना है. साल 2022 में मौसम के मिजाज को समझने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ. अभी तक यह साक्ष्य नहीं है कि मौसमी बदलाव को समझने के लिए जिन तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है उसके पीछे कोई अनुसंधान है लेकिन बात जब हार्प की आती है तो अमेरिका को शक की नजरों से देखा जाता है. कुछ लोगों ने तो अलग अलग देशों में जलजला, सुनामी और लैंड स्लाइड के लिए हार्प को जिम्मेदार बताया है.

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आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट

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