माता वाला बाग़ के पेड कह रहे कुछ !  

माता वाला बाग़ के पेड कह रहे कुछ !  

16वी सदी में जब पंजाब से गुरु राम राय जी महाराज उत्तराखंड की हरी भरी वादियों में पधारे तब उन के पास कुछ नहीं था लेकिन जिस प्रकार से उन को ओरंजेब के निर्देश पर उन को डेरा बनाने के लिए कुछ जगह दी गए थी डेरे का नाम अंग्रेजो के ज़माने में डेरा था तो बोलने में जब की डेरा दूर था नाम बदलते/बदलते जिस का नाम आज देहरादून पड गया और आज यह उत्तराखंड की राजधानी के नाम से दुनिया में जाना जाता है /जिस वक्त यह डेरा बना उस वक्त की अगर सोचे भी तो आप दंग रह जायेंगे यहा पर जंगलो पहाड़ो के सिवा और कुछ नहीं था/इस के बाद गुरु राम राय जी महाराज ने ब्रह्मलीन होने के कारण लोगो की उन पर आस्था बढ़ने लगी जिस के चलते झंडे जी महाराज का उदय हुआ साथ ही इस की मान्यता बढ़ने लगी और यहा तक अब लोग यहाँ आशीर्वाद लेने भी आने लगे लेकिन जिस प्रकार से झंडे जी महाराज की प्रशिद्धि बढ़ी आज यह आलम है के दूर दूर से लोग चादर चढाने आते आशीर्वाद पाते/जब लक्षमण दास महराज जी के वक्त ऐसी कोई बिज़नस जैसी कोई बात नहीं थी लेकीन उन का आशीर्वाद लगातार लोगो को मिलता रहा है /उन के बाद इन्द्रेश चरण दास जो की व्यहारिक थे आशीर्वाद के चलते लोगो को घर बनाने के लिए जगह भी दान देदिया करते थे अब जब से महाराज देविंदर दास जी महाराज का आगमन हुआ तब तक पूरा कोमर्सिल माहोल बन गया और उन के साथ रहने वाले लोगो को जमींन  का आशीर्वाद टुकडो में मिलने लगा कई बार उन के करीबी रहे लोगो पर आई टी का छापा भी पड़ा जिस को पूरी तरह दबा दिया गया /लेकिन जमीन से  जुडा मामला या तो उन के संज्ञान में आता नहीं है या बाताया नहीं जाता दोनों ही बात है लेकिन जिस प्रकार से गुरु राम राय जी की जमीने पिछले 17 वर्षो में खुर्द बुर्द हुई है उस का किसी के पास न तो हिसाब है और नहीं दिखया जाता है इस का मतलब साफ है की जो दान दी हुई जमीने है उन को भूमाफियाओ ने कब्ज़ा कर लिया है साथ ही जिस प्रकार से लगातर मोथ्ररावाला/राजपुर /सहसपुर/पटेल नगर/और भी कई जगह है जब की राजपुर २३ बीघा के लिए मैंने खुद दरबार में कार्यरत रावत जी को बताया उन का जवाब था हाँ हमने वो जमीन बेच दी है जब की उस के साथ लगभाग ८ बिगाह जमींन और ग्राम समाज की है जिस पर कबजा किया गया और जमीने सस्ते दामो में भूमाफियाओ को बेच दी गई /अगर सूत्रों की माने तो वहा बौडी मंदिर राजपुर के पास के साथ और उपर वाले छेत्र में मौजूद है दर बार साहिब के लोग शामिल होने की पूरी आसंका है / जिस प्रकार से सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है वहा पर आनेवाले कुछ वक्त में सभी जमीनों पर भूमाफियाओ के कबजे हो जायेंगे और महाराज जी उन के कब्जे हटवाने की बजाये जो लोग अपना रोजगार 100 वर्षो से करते आई है उन को नॉटिस भेज कर खाली करवाने के आदेश जारी करवा रहे है /यह भी नहीं होता अगर मातावाले बाग़ में 17 पेडॉ की अनुमति के चलते 50 से अधिक पेड़ न कटवाते जिस किसी ने भी सुना आज वो इस बात के लिए हैरान है की देविन्द्र दास जी पूरी तरह बिज़नस मैंन बन गए है यहाँ तक अब तो दरबार में 500 रूपये शुक्ल दे कर पत्रकारों को दर्शन करने दिया जाता है/ हैरान कर देने वाली बात है की समाचारों में आने के बाद भी इस पर कार्यवाही नहीं की जा रही है सूत्र कह रहे है जब की प्रशासन को सभी जगह पेड़ो और जमीनों की जाच करवानी चाहिए दरबार साहिब की सम्पति को मेरे ख्याल से बेचा नहीं जा सकता है/
मैं खुद कई बार महाराज जी से इस मसले पर मिल कर बाताना बाइट लेना चाहता था जिस से भूमाफियाओ के चुंगल से महाराज जी की जमीनों को छुड़ाया जा सके लेकिन हर बार बहाना बना कर टाल दिया गया/
व्ही इतना बड़ा अपराध होने के चलते जहा लोगो में रोष बना हुआ है और हनुमान चौक के सभी लोग इस बात को लेकर गंभीर है और दुकाने भी बंद करदी गई थी लेकिन इस के बावजूद डबल इंजिन की सरकार कही जाने वाली भाजपा के मुख्या शाम को देविन्द्र दास जी का आशीर्वाद लेने जा पहुचे जब की सूत्र मांग कर रहे है इस की जाच होनी चाहिए और जिस प्रकार से दरबार साहिब की सम्पतियो को भूमाफियाओ को बेचा जा रहा है उस के पीछे कोन है/
अब देखना होगा सरकार क्या रुख अपनाती है जीरो टोल्रेंस या अपराध को बाढावा/
कई बार दरबार साहिब में जाने के बाद भी नहीं करवाते पत्रकारों से मुलाकात    
देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट / 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *