बिहार -पकड़ौआ विवाह मान्य है या नहीं? क्या जबरन शादी के बाद रिश्ता निभाना जरूरी है!
बिहार -पकड़ौआ विवाह मान्य है या नहीं? क्या जबरन शादी के बाद रिश्ता निभाना जरूरी है!
अगर किसी को अगवा करने बाद उसका पकड़ौआ विवाह करा दिया जाता है तो फिर उसके सामने रिश्ता निभाने की मजबूरी होगी या नहीं. कानून क्या कहता है, आइए ये समझ लेते हैं.
शादी-ब्याह तो मर्जी का, प्यार-मोहब्बत का रिश्ता है तो इसमें जबरदस्ती क्यों? लेकिन ऐसा बिहार के वैशाली जिले में हुआ है. यहां कुछ बदमाशों ने एक टीचर को अगवा किया और बंदूक की नोक पर उसका पकड़ौआ विवाह करा दिया. बदमाशों ने शादी के लिए एक BPSC टीचर को किडनैप कर लिया. बताया जा रहा है कि टीचर गौतम पातेपुर के सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे थे. तभी कार सवार कई बदमाश हथियार के साथ स्कूल में घुसे और फिल्मी स्टाइल में टीचर को अगवा कर फरार हो गए. किडनैपिंग की जानकारी मिलने पर टीचर के परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और जमकर हंगामा किया. इस बीच, सवाल उठता है कि बिहार में पकड़ौआ विवाह क्यों किया जाता है और इसका मतलब क्या है?
बंदूक की नोक पर हुआ पकड़ौआ विवाह
हालांकि, वैशाली में हंगामे के बाद पुलिस एक्टिव हुई और अगवा टीचर को सकुशल बरामद कर लिया. बताया जा रहा है कि बदमाशों ने पीड़ित टीचर के साथ मारपीट की और जबरन बंदूक की नोक पर उसकी शादी करा दी. पीड़ित टीचर ने अगवा करने वाले कई बदमाशों की पहचान की है और पुलिस उन बदमाशों को तलाश कर रही है.
सरकारी टीचर को ही क्यों चुना?
जानकारी के मुताबिक, गौतम जो अगवा कर लिए गए थे, वो पातेपुर थाना इलाके के महैया मालपुर के रहने वाले हैं. गौतम पातेपुर ब्लॉक के एक सरकारी स्कूल में टीचर हैं. बीपीएससी के जरिए हाल ही में उनको नौकरी मिली है. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है. आरोपियों की तलाश की जा रही है.
चश्मदीद ने मौके पर क्या देखा?
घटना के वक्त टीचर चंदा कुमारी भी स्कूल में थीं. उन्होंने बताया कि हम दोनों स्कूल में थे. फिर एक शख्स आया और उसने कहा कि यहां आइए. उसके साथ कुछ और लोग भी थे. गौतम जब वहां गए तो एक बोलेरो गाड़ी आई जबरदस्ती उन्हें गाड़ी में बैठाकर ले गई. गौतम मदद के लिए चिल्लाए, पर वो अगवा हो चुके थे. फिर इसकी खबर हमने हेडमास्टर को दी.
क्या होता है पकड़ौआ विवाह?
अब समझने वाली बात है कि पकड़ौआ विवाह क्या है और इसका चलने बढ़ने के पीछे वजह क्या है? बता दें कि पकड़ौआ विवाह लड़के की जबरन शादी को कहते हैं. पकड़ौआ विवाह के लिए लड़की के घर वाले लड़के को अगवा करते हैं और जबरदस्ती उसकी अपने घर की लड़की से शादी करा देते हैं. पकड़ौआ विवाह के लिए उन लड़कों को अगवा पकड़ा जाता है जो ठीकठाक नौकरी करते हैं. अच्छे पैसे कमाते हैं.
पकड़ौआ विवाह का दहेज कनेक्शन
दावा किया जाता है कि दहेज जैसी कुप्रथा गैरकानूनी होने के बावजूद आज भी धड़ल्ले से चल रही है. कई लोग तो बिना डर के लड़की वालों से सीधे दहेज की मांग कर लेते हैं. दूल्हे के घरवालों की डिमांड की बात करें तो सरकारी क्लर्क भी लंबे-चौड़े दहेज की मांग करते हैं. पकड़ौआ विवाह इसलिए लड़की वालों के लिए सुविधाजनक है क्योंकि इसमें तय दहेज देने की मांग पूरी नहीं करनी पड़ती है. बिना दहेज दिए लड़की वालों को मन का माना अच्छी कमाई करने वाला लड़का मिल जाता है.
कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाता पकड़ौआ विवाह
पकड़ौआ विवाह सीधे तौर पर कानून को ठेंगा दिखाता है. किसी की इच्छा के विरुद्ध उसकी शादी कराना कानून का उल्लंघन है. और तो और पकड़ौआ विवाह के लिए किसी को अगवा किया जाता है. उसे धमकाया जाता है. अगर अगवा हुआ लड़का नहीं मानता है तो उसको पीटा भी जाता है. सवाल यही है कि 21वीं सदी में भी कैसे लोग पकड़ौआ विवाह जैसी चीजें कर रहे हैं और पुलिस उन्हें ऐसा करने से रोक नहीं पा रही है.
पकड़ौआ विवाह के मुद्दे पर ज़ी न्यूज़ की टीम ने सुप्रीम कोर्ट के वकील संदीप मिश्रा से बात की. उन्होंने साफ किया कि पकड़ौआ विवाह मान्य नहीं है. एडवोकेट संदीप मिश्रा ने ये भी बताया कि पकड़ौआ विवाह अगर किसी का हो जाता है तो वह क्या करे.
सवाल 1- क्या पकड़ौआ विवाह मान्य है?
जवाब- एडवोकेट संदीप मिश्रा ने बताया कि पकड़ौआ विवाह मान्य नहीं है. हिंदू मैरिज एक्ट में शादी के लिए सबसे बड़ी कंडीशन कंसेन्ट है. अगर जबरन कराई गई है तो वह मान्य नहीं है. ये वॉइडेबल है. शून्यकरणीय है. अगर किसी का पकड़ौआ विवाह हो जाता है तो वह अपना रिश्ता खत्म कर सकता है. उसके सामने रिश्ता निभाने की मजबूरी नहीं है. पीड़ित शादी रद्द करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है. हालांकि, अगर कोई जबरन शादी के बाद भी रिश्ते को जारी रखना चाहते हैं तो बात अलग है.
सवाल 2- जबरन शादी कराना संविधान के आर्टिकल का उल्लंघन है?
जवाब- जबरन शादी कराना संविधान के आर्टिकल 21 का उल्लंघन है. ये राइट टू लाइफ वायलेट करता है.
कॉपी पेस्ट विद थैंक्स
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट।