बद्रीनाथ धाम -भगवान शिव और माता पार्वती को बद्रीनाथ छोड़ क्यों जाना पड़ा था केदारनाथ?
बद्रीनाथ धाम -भगवान शिव और माता पार्वती को बद्रीनाथ छोड़ क्यों जाना पड़ा था केदारनाथ?
मान्यताओं के अनुसार, बद्रीनाथ धाम कभी शिव धाम हुआ करता था, जिसे बाद में भगवान विष्णु ने लीला रचकर अपना बना लिया. उसी वक्त से यह विष्णु धाम बन गया.
चमोली. देवभूमि उत्तराखंड में चार धाम स्थित हैं, जिनमें बद्रीनाथ धाम भी है. मान्यताओं के अनुसार, बद्रीनाथ मंदिर कभी शिव धाम हुआ करता था, जिसे बाद में भगवान विष्णु ने लीला रचकर अपना बना लिया. उसी वक्त से यह विष्णु धाम बन गया. उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे प्राचीन बद्रीनाथ धाम स्थित है. इसे, बद्री विशाल, बद्रीनारायण, मणिभद्र आश्रम, विशाला तीर्थ आदि कई नामों से जाना जाता है. हिन्दू शास्त्रों के अनुसार जब लंबे समय तक भगवान विष्णु शेषनाग पर आराम कर रहे थे तो, महर्षि नारद ने उन्हें जगा दिया. जिसके बाद भगवान विष्णु ने तपस्या के लिए शांत जगह की तलाश में हिमालय का रुख़ किया. प्रवास के दौरान बद्रीनाथ ने उनका मन मोह लिया. उन्हें लगा कि तपस्या के लिए यह जगह अच्छी साबित होगी. यहां उनकी नज़र एक कुटिया पर पड़ी. यहां पर पहले से ही भगवान शिव और मां पार्वती विराजमान थे. भगवान विष्णु ने सोचा कि अगर वह इस स्थान को तपस्या के लिए चुनते हैं, तो भगवान शिव क्रोधित हो जाएंगे.
भगवान शिव के क्रोध से बचने और इस क्षेत्र को अपना बनाने के लिए उन्होंने बच्चे का रूप धारण किया और कुटिया के दरवाजे पर रोने लगे. बच्चे की आवाज़ सुन माता पार्वती भावुक हो गईं. भगवान शिव के रोकने के बावजूद उन्होंने बालक रूपी विष्णु को अपनी गोद में उठाकर अंदर ले गईं और उन्हें चुप करवाकर दूध पिलाया. थोड़ी देर बाद बच्चे को सुलाकर मां कुंड में स्नान के लिए भगवान शिव के साथ चली गईं.
शिव-पार्वती बद्रीनाथ छोड़ गए केदारनाथ
कुंड में स्नान से लौटने के बाद उन्होंने देखा कि अंदर से दरवाजा बंद था. माता पार्वती बच्चे को जगाने की कोशिश करने लगी तो, भगवान शिव ने उन्हें रोक दिया. भोलेनाथ को भगवान विष्णु की इस लीला के बारे में पता था. भगवान शिव ने पार्वती से कहा कि अब बद्रीनाथ धाम छोड़ने के अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. जिसके बाद वे दोनों बद्रीनाथ धाम छोड़ केदारनाथ चले गए और उसी समय से यह धाम शिव धाम से विष्णु धाम बन गया.
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आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए बद्रीनाथ धाम से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट