नमामि गंगे परियोजना मैपिंग में संबंधित विभाग भी जोडे जाए–सी एम!

नमामि गंगे परियोजना मैपिंग में संबंधित विभाग भी जोडे जाए–सी एम!

मुख्यमंत्री के समक्ष गुरूवार को न्यू कैन्ट रोड स्थित कैम्प कार्यालय में नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत भारत सरकार को भेजी जाने वाली ऋषिकेश-हरिद्वार रीवर फ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-हरिद्वार का धार्मिक ही नही आध्यात्म व पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है इस क्षेत्र के नदी तटों का बेहतर सौन्दर्यीकरण हो ताकि यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों व पर्यटको को सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध हो सकें तथा अधिक से अधिक तीर्थयात्री व पर्यटक इस क्षेत्र में आये।

उन्होंने कहा कि ऋषिकेश व हरिद्वार के घाटो के सौन्दर्यीकरण प्रकाश, स्वच्छता व जन सुविधाओं एवं सुरक्षा से संबंधित योजनाओं को इस में शामिल किया जाए।

उन्होंने इन क्षेत्रों की जी.आई.एस. मैपिंग में भी सभी आवश्यक व्यवस्थाओं पर ध्यान देने पर बल दिया तथा मैपिंग में सभी संबंधित विभागों को भी जोडा जाए/

इस अवसर पर इस योजना की कार्ययोजना से संबंधित प्रस्तुतीकरण में इन्टरनेशनल सेन्टर फाॅर सस्टेनेबल सिटि(आई.सी.एस.सी.) की प्रतिनिधि सुश्री समीहा सेठ ने बताया कि उनकी टीम द्वारा इस संबंध में पूरे क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही स्थानीय लोगों से भी वार्ता कर कार्ययोजना तैयार की है/

इस अवसर पर अपर सचिव डा0 .राघव लंगर, इं.पीयूष के.सिंह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। 

देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /

 

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