गाजा के 23 लाख बिलखते लोगों की मदद के लिए UN के प्रस्ताव पर US ने किया वीटो, मिस्र के रास्ते पहुंचेंगे 20 ट्रक!
गाजा के 23 लाख बिलखते लोगों की मदद के लिए UN के प्रस्ताव पर US ने किया वीटो, मिस्र के रास्ते पहुंचेंगे 20 ट्रक!
अमेरिका के वीटो के चलते सुरक्षा परिषद इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर पाई. पंद्रह-सदस्यीय सुरक्षा परिषद के 12 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में, जबकि अमेरिका ने विरोध में मतदान किया, जबकि दो सदस्य रूस और ब्रिटेन अनुपस्थित रहे.
इजरायल की भीषण बमबारी को झेल रहे गाजा शहर तक मानवीय मदद पहुंचाने के मुद्दे पर अमेरिका दोहरा रुख साफ अपना रहा है. एक तरफ जहां जो बाइडेन ने यह ऐलान करते हैं कि मिस्र के राष्ट्रपति गाजा में मानवीय सहायता सामग्री के 20 ट्रकों की जाने देने के लिए राफा गेट खोलने पर सहमत हो गए हैं. वहीं बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव पर यूएस ने अपने वीटो (निषेधाधिकार) का इस्तेमाल किया, जिसमें इजराइल-हमास संघर्ष के बीच गाजा में फलस्तीनियों को मानवीय मदद पहुंचाने की अपील की गई थी.
अमेरिका के वीटो के चलते सुरक्षा परिषद इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर पाई. पंद्रह-सदस्यीय सुरक्षा परिषद के 12 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में, जबकि अमेरिका ने विरोध में मतदान किया, जबकि दो सदस्य रूस और ब्रिटेन अनुपस्थित रहे.
प्रस्ताव के मंजूरी के लिए जरूरी है ये शर्तें
गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद में किसी प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए उसके पक्ष में कम से कम नौ वोट पड़ने चाहिए. साथ ही यह भी जरूरी है कि पांच स्थायी सदस्यों में से कोई प्रस्ताव को वीटो न करे.
यह प्रस्ताव ब्राजील द्वारा पेश किया गया था. अमेरिका के वीटो के इस्तेमाल से पहले प्रस्ताव में दो संशोधन करने के रूस के अनुरोध को परिषद ने खारिज कर दिया. रूस चाहता था कि प्रस्ताव में मानवीय संघर्ष विराम की अपील और गाजा में नागरिकों और अस्पतालों व स्कूलों पर अंधाधुंध हमलों की निंदा की जाए.
अस्पताल विस्फोट के मुद्दे पर भी दिया इजरायल का साथ
बता दें बाइडेन गाजा अस्पताल विस्फोट के मुद्दे पर भी इजरायल के साथ खड़े आए और इसे मामले में उन्होंने यहूदी राष्ट्र को क्लीन चिट दे दी. तेल अवीव में बाइडन ने एक बैठक के दौरान इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से कहा, ‘मैंने जो देखा है, उसके आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि यह काम आपने नहीं, बल्कि दूसरी टीम ने किया है. ‘ बता दें अस्पताल विस्फोट के लिए इजरायल और हमास एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. गौरतलब है कि गाजा के अस्पताल में हुए विस्फोट में सैंकड़ों फिलिस्तीनियों की जान चली गई.
‘मिस्र 20 ट्रक भेजने को हुआ राजी’
अपने इजरायल दौरे से वापस लौटते हुए एयर फ़ोर्स वन में सवार होकर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा, ‘वह (मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी) इस बात पर सहमत हुए कि शुरुआत में 20 ट्रकों को आने देने के लिए राफा गेट खोले जाएंगे…उन्हें उम्मीद है कि इसमें लगभग 8 घंटे (शायद शुक्रवार तक) लगेंगे. ‘
बाइडेन ने कहा, ‘मेरे द्वारा की गई एक बहुत ही स्पष्ट बातचीत रही है. और इसलिए, हम जितना संभव हो उतने ट्रकों को बाहर निकालना चाहते हैं. मुझे लगता है, 150 या कुछ और वे सभी एक एक करके जाएंगे. यदि, वास्तव में, वे सीमा पार करते हैं, तो संयुक्त राष्ट्र दूसरी तरफ इस सामग्री को वितरित करने का काम करेगा.’
‘अगर हमास ने इसे जब्त किया तो…’
हालांकि इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘लेकिन मुद्दा यह है कि अगर हमास इसे जब्त कर लेता है या इसे नहीं जाने देता है तो यह खत्म हो जाएगा, क्योंकि हम हमास को कोई मानवीय सहायता नहीं भेजेंगे.’
बता दें व्हाइट हाउस ने सूचना दी थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को अपने मिस्र के समकक्ष अब्देल फतह अल-सिसी से बात की और गाजा को मानवीय सहायता देने के मुद्दे पर चर्चा की. दोनों राष्ट्रपतियों ने मानवीय सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र की अपील पर सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की.
फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने सात अक्टूबर को गाजा की सीमा से सटे इजराइल के क्षेत्रों में अब तक सबसे बड़ा हमला किया था जिसमें 1,400 से अधिक इजराइली मारे गए. इसके अलावा लगभग 200 लोगों को बंदी बना लिया गया.
इसके बाद इजरायल हमास के कंट्रोल वाले गाजा पर ताबड़तोड़ हवाई हमले कर रहा है और अब जमीनी हमले की भी तैयारी में है. गाजा पर इजराइल के जवाबी हमलों में कम से कम 2,778 लोगों की मौत हुई है, जबकि 1,200 से अधिक लोगों के मलबे में दबने की आशंका है.
कॉपी पेस्ट विद थैंक्स
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट।