उत्तराखंड : उत्तरकाशी पेयजल निगम कुछ ठेकेदारों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर कर रहा सरकारी धन का दुरूपयोग

उत्तराखंड : उत्तरकाशी पेयजल निगम कुछ ठेकेदारों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर कर रहा सरकारी धन का दुरूपयोग

उत्तरकाशी जिले के ग्राम पनोथ तहसील डुंडा के हर घर जल हर घर नल के सापेक्ष में ग्राम पंचायत पनोथ से 13 परिवार आज भी वंचित है जबकि उक्त योजना में ठेकेदार का विभाग के द्वारा पूर्ण भुगतान कर दिया गया है जो कि जांच का विषय है |

ग्राम पंचायत पनोथ में पनियारखाला नामे तोक बुमका गुल से सटे शुद्ध पेयजल स्रोत से लिफ्ट के माध्यम से ग्रामवासियो को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित था जिसकी लम्बाई हेड से लगभग 300 / 400 मीटर थी विभाग के अधिकारी , कर्मचारी एवं ठेकेदार की मिलीभगत से 50 साल पहले से बरसाती नाले में निर्मित पेयजल हेड से नई लाइन 5 मीटर नीचे कर नयी लाइन का कार्य शुरू कर दिया है जबकि उक्त पेयजल लाइन में कोई स्रोत नहीं है सिर्फ बरसात का ही पानी 8 महीने उपलब्ध रहता है | 4 माह में पेयजल हेड पे पानी पूर्ण रूप से सुख जाता है हेड से ऊपर ग्राम पंचायत पैंथर वासियो के मकान एवं छानिया है उक्त नाले में ग्राम पैंथर वासियो के द्वारा मृतक पशु एवं प्रसूति प्रसव के दौरान की गयी गन्दगी उक्त हेड के ऊपर खुले में डाले जाते है जिससे बीमारी होने का खतरा बना रहता है |

ग्राम पंचायत पनोथ वासियो को आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं कराया गया है जो कि एक गंभीर जांच का विषय है | उक्त ग्राम में एक पेयजल योजना से 8 माह में कभी कभी बरसाती नाले से पानी प्राप्त होता है जबकि विभाग के आंकड़ों में यहाँ काफी पेयजल लाइन दर्शायी गई है जबकि विभाग के द्वारा हर साल देवीय आपदा की आड़ में उक्त पेयजल योजना में लाखो रूपए मरम्मत पर खर्च दिखाया जाता है जबकि धरातल पर पेयजल लाइन नहीं बिछाई गई है जो कि घोर अनिमितताएं एवं जाँच का विषय है |

ग्राम पनोथ के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता करणसिंह की शिकायत पर उक्त मामला उजागर हुआ है जिसकी शिकायत उन्होंने दिनाँक 17 -10 -2023 में 1905 ऑनलाइन सीएम पोर्टल पर भी की गई है जिसका आज तक भी विभाग द्वारा कोई समाधान नहीं किया गया है इससे तो यही प्रतीत होता है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट घर घर नल , हर घर जल की विभाग द्वारा धज्जिया उड़ायी जा रही है

आईडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |

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