उत्तरखण्ड – इस पहाड़ पर रहती हैं असली की परियां, यहां आवाज की तो बना लेती है अपना!

उत्तरखण्ड – इस पहाड़ पर रहती हैं असली की परियां, यहां आवाज की तो बना लेती है अपना!

क्या आपने कभी परियों का देश देखा है। नहीं, तो यहां देख‌िए, लेक‌िन अगर यहां आकर सावधानी नहीं बरती तो परियां आपको अपना बना लेंगी और आप वहां से कभी वापस नहीं आ पाएंगे।

यहां बात हो रही है उत्तराखंड के एक पर्वत की। उत्तराखंड देश विदेश के लाखो लोगों की आस्था का ही केंद्र रहा है। यहां के कोने-कोने में कई रहस्य छ‌िपे हैं। एक ऐसा ही जगह है खैट पर्वत। कहते है कि यहां अप्सराओं का वास है।

जी हां, यह ब‌िल्कुल सच है। टिहरी जिले में स्थित खैट पर्वत पर बने खैट खाल मंदिर में देवियों (अप्सराओं) का प्रमुख निवास स्थल है। गढ़वाल क्षेत्र में वनदेवियों को आछरी-मांतरी के नाम से जाना जाता है।

मान्यता है क‌ि यहां आंछ‌रियों को जो लोग पसंद आते हैं वे उन्हें मूर्छ‌ित करके अपने पास रख लेती हैं और अपने लोक में ले जाती हैं। कहते हैं क‌ि यहां पर आवाज करना प्रत‌िबंध‌ित हैं। नहीं तो आंछरियां आपको अपना बना लेंगी।

खैट पर्वत के चरण स्पर्श करती भिलंगना नदी का दृश्य देखते ही बनता है। खैट गुंबद आकार की एक मनमोहक चोटी है। इस पहाड़ के आस-पास कोई और पहाड़ नहीं है।

इसल‌िए व‌िशाल मैदान में स्‍थ‌ित यह अकेला पर्वत अद्भुत द‌िखाई देता है। कहा जाता है क‌ि खैट पर्वत की नौ श्रृंखलाओं में नौ देवियों (आंछरियों/परियों) का वास है। माना जाता है क‌ि यह नौ द‌ेव‌ियां नौ बहनें हैं। जो आज भी यहां अदृश्य शक्त‌ियों के रूप में यहां न‌िवास करती हैं।
(अमर उजाला इन तथ्यों की पुष्ट‌ि नहीं करता है। यह केवल मान्यताओं के आधार पर पेश क‌िए गए हैं।)

कॉपी पेस्ट विद थैंक्स

आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट.

 

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