आजादी के बाद महिलाओं की दशा एवं दिशा  सेमिनार का समापन!

आजादी के बाद महिलाओं की दशा एवं दिशा  सेमिनार का समापन!

मुख्यमंत्री ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में  उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित ‘‘आजादी के बाद महिलाओं की दशा एवं दिशा’’ विषय पर द्वि-दिवसीय सेमिनार के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने हेतु शीघ्र  ही विशेष योजना पर कार्य करेगी। सरकार द्वारा  महिलाओं की स्थिती मजबूत करने हेतु कौशल विकास, उत्पादन शक्ति में महिलाओं के योगदान, उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के प्रयासों पर विशेष फोकस किया जा रहा  है।

लिंगानुपात पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जिलों में चिन्तनीय रूप से कम था। आज पिथौरागढ़ व चम्पावत जिलों के लिंगानुपात के गैप में कमी देखने को मिली है। उन्होंने उत्तराखण्ड की सफल महिलाओं से इस अभियान से जुड़ने का आहवाहन किया। आज राज्य के 13 जिलों में से 3 जिलों में महिला जिलाधिकारी तथा चार जिलों में महिला पुलिस अधीक्षक तैनात है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र द्वारा माता मंगला माता, श्रीमति कल्पना चैहान, सुश्री उर्वशी रौतेला, सुश्री अनुकृति गुसांई, श्रीमति हर्षवन्ती बिष्ट, श्रीमति बसन्ती बिष्ट को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने उपस्थित अन्य राज्यो की महिला आयोग अध्यक्षो को स्मृति चिहन देकर सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमति सरोजनी कैन्तुरा के साथ ही जम्मू कश्मीर, उड़ीसा, छतीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात महिला आयोग की अध्यक्ष उपस्थित थी। 

देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /

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