विजय दिवस सैनिको को किया याद!

विजय दिवस सैनिको को किया याद!

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 16 दिसम्बर का दिन वीरता व पराक्रम में ऐतिहासिक दिन है। मात्र 13 दिन में भारतीय सैनिकों के साहस व बहादुरी के सामने नतमस्तक होकर पाकिस्तानी सेना के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा था। यह सैन्य इतिहास में सबसे बड़ी विजय थी। मुख्यमंत्री, 1971 भारत-पाक युद्ध के शहीदों की स्मृति में डिफेंस कालोनी में आयेाजित कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिकों के पराक्रम से पाकिस्तानी सैनिकों का मनोबल टूट गया था। स्कूल काॅलेजों में छात्र-छात्राओं को भारतीय सेना के शौर्य, त्याग व बलिदान के बारे में बताया जाना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड, देवभूमि के साथ ही वीर भूमि भी है। यहां सदैव देशभक्ति व राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना रही है। उत्तराखण्ड दो देशों की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर स्थित है। परंतु आज तक कभी अराष्ट्रवादी तत्व यहां नहीं आ सके हैं। 
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के.सिंह ने कहा कि विजय दिवस हमें भारतीय सेना की बहादुरी व बलिदान को याद दिलाता है। केवल 13 दिनों में इतनी बड़ी जीत हासिल करना और एक अलग देश बना देना, निश्चित तौर पर देश के लिए गौरवपूर्ण है। आज भी देश के दुश्मन प्रत्यक्ष व परोक्ष तरीकों से देश के विरूद्ध लगे हैं, ऐसे समय में हमें अपनी ताकत को पहचानना चाहिए और और एकजुट होकर देश के दुश्मनों के मंसूबों को विफल करना चाहिए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के.सिंह ने कार्यक्रम में वीर नारियों व वीरता पदक प्राप्त सैनिकों व पूर्व सैनिकों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, सांसद श्रीमती माला राज लक्ष्मी शाह, विधायक श्री उमेश शर्मा काउ, श्री विनोद चमोली, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, ले.ज. ओपी कौशिक, ले.ज. आनंद स्वरूप आदि उपस्थित थे। 
इससे पूर्व विजय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व विदेश राज्य जनरल वी.के.सिंह ने देश की रक्षा में अपना सर्वस्व त्याग करने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने गांधी पार्क में शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को नमन किया।
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट/