जी.एस.टी से निर्धारित होगा मूल्य– केन्द्रीय मंत्री!

जी.एस.टी से निर्धारित होगा मूल्य– केन्द्रीय मंत्री!

केन्द्रीय राज्य मंत्री विधि एवं न्याय, इलैक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी श्री पी.पी.चौधरी ने बीजापुर अतिथि गृह में जी.एस.टी के सम्बन्ध में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि जी.एस.टी से भारत में  सकरात्मक आर्थिक क्रान्ति आयेगी। जी.एस.टी से एक प्रकार के किसी भी उत्पाद पर सभी जगहों पर एक ही मूल्य निर्धारित होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वस्तु एवं सेवा कर में अच्छा स्ट्रक्चर खड़ा होगा एवं सिस्टम में पारदर्शिता आयेगी। श्री चैधरी ने कहा कि सभी बिन्दुओं पर गम्भीरता से मंथन के बाद 01 जुलाई 2017 को सम्पूर्ण देश में जी.एस.टी लागू किया गया है। जो एक देश में एक कर प्रणाली के रूप में आर्थिक आजादी  के रूप में कारगर साबित होगा।  उन्होंने कहा कि जी.एस.टी एक सतत् प्रक्रिया है। सरकार सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रही है।

केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री चैधरी ने कहा कि उत्तराखण्ड में ट्रेडर्स, बिजनेस एवं इंडस्ट्री के लिए 10 लाख रूपये से अधिक की धनराशि पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। दस लाख से कम धनराशि पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है, लेकिन जो रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं कर सकते हैं। उत्तराखण्ड में 85 प्रतिशत व्यापारी जी.एस.टी के तहत रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी के सफल क्रियान्वयन के लिए औद्योगिक एवं व्यपारिक संगठनों के साथ बैठक की गई एवं उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुना गया। समस्याओं के निवारण के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

केंद्र जीएसटी कमिशनरेट से आयुक्त कर श्री प्रदीप गोयल एवं राज्य के आयुक्त कर श्री श्रीधर बाबू अद्दांकी ने जानकारी दी कि दोनों विभाग टीम के रूप में आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। जीएसटी के संदर्भ में सभी आवश्यक नोटिफिकेशन समय रहते जारी कर दिए गए हैं। प्रारंभिक अवधि में व्यापारियों के मार्गदर्शन का हर संभव प्रयास विभाग द्वारा किए जा रहे हैं। ब्लॉक स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर को जीएसटी सेवा केंद्रों के रूप में सक्षम बना कर तैयार किया गया है एवं राज्य भर से लगभग 2022 जीएसटी मित्रों को प्रशिक्षित किया गया है। जीएसटी मित्र व्यापारियों का पंजीयन लेने, रिटर्न फाइलिंग, भुगतान एवं रिफण्ड संबंधी ऑनलाइन सुविधा हेतु सहायता करेंगे, एवं जीएसटी अधिनियम में प्रावधानित Tax Pactitioners के रूप में कार्य करेंगे। इस पहल से न केवल युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा व दूरस्थ क्षेत्रों तक व्यापारियों को सुविधा प्राप्त होगी। समस्त स्टेकहोल्डर का परीक्षण लगभग 8 माह पूर्व से ही युद्ध स्तर पर प्रारंभ कर दिया गया था। जिसे हेतु राज्य के सभी दूरस्थ क्षेत्रों तक कार्यशाला आयोजित की जा रही है ताकि व्यापारी जागरुक रहे एवं उन्हें जीएसटी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की परेशानी ना हो।

व्यापारियों की आसानी के लिए वैट के गत तीन वर्षों के वादों के स्वतः निस्तारण हेतु Deemed Scheme लायी गयी है। इसके अन्तर्गत वर्ष 2013-14 में 25537, 2014-15 में 87375 एवं 2015-16 में 105086 वाद (कुल 217998 वाद) स्वतः निस्तारित होंगे। जीएसटी में Entertainment Tax Deptt. के संविलयन की प्रक्रिया गतिमान है। उक्त संविलयन को दृश्टिगत रखते हुए राज्य सरकार द्वारा वाणिज्य कर विभाग में राज्य माल और सेवा कर निरीक्षक के पद अधिसूचित किये गये हैं। GSTN द्वारा जब तक e-way bill developugha किया जाता है तब तक राज्य द्वारा आयातित माल के सम्बन्ध में अपना online system develop किया जा रहा है, इसमें पुरानी फाॅर्म-16 वाली व्यवस्था नहीं होगी। नई कर प्रणाली में माल का परिवहन कैसे किया जाना है, कौन से आवश्यक दस्तावेज यथा Tax Invoice, Delivery Challan, Bill of Supply, माल परिवहन के साथ रखे जाने है इनसे व्यापारियों को अवगत करा दिया गया है। माईग्रेशन एवं जी.एस.टी. पंजीयन के सम्बन्ध में आवश्यक निर्देशों को जारी करते हुए व्यापारियों को इनसे अवगत करा दिया गया है।

देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट !

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